• आपातकाल की 50वीं वर्षगांठ पर
वन विकास निगम अध्यक्ष की प्रेसवार्ता
सुरजपुर। 50 years of emergency: छत्तीसगढ़ शासन के वन विकास निगम अध्यक्ष व पूर्व गृहमंत्री रामसेवक पैकरा ने 25 जून 1975 को लगे आपातकाल की 50वीं वर्षगांठ के उपलक्ष्य में जिला भाजपा कार्यालय अटल कुंज में एक प्रेस वार्ता का आयोजन किया। उन्होंने आपातकाल को भारत के लोकतंत्र का सबसे काला अध्याय बताते हुए कहा कि यह समय हमें हमारे संवैधानिक अधिकारों की रक्षा के लिए सदैव सतर्क रहने की सीख देता है।

50 years of emergency: श्री पैकरा ने कहा कि तत्कालीन प्रधानमंत्री श्रीमती इंदिरा गांधी द्वारा लागू किए गए आपातकाल के दौरान न केवल अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और प्रेस की आज़ादी को कुचला गया, बल्कि हजारों राजनीतिक कार्यकर्ताओं को जेलों में डाला गया। उन्होंने बताया कि देश में भय और दमन का ऐसा माहौल था जिसमें आम नागरिक भी खुलकर बोलने से डरते थे।उन्होंने युवाओं से विशेष रूप से अपील की कि वे आपातकाल की ऐतिहासिक घटनाओं को जानें, समझें और लोकतंत्र की रक्षा हेतु सजग नागरिक बनें। आज हमारे पास जो स्वतंत्रता है, वह उन लोगों के संघर्ष का परिणाम है जिन्होंने आपातकाल के खिलाफ आवाज़ उठाई थी।इस दौरान आपातकाल के दमनकारी प्रभावों पर आधारित चर्चाएं की गईं, जिसमें वक्ताओं ने संविधान, न्यायपालिका, मीडिया और लोकतंत्र की महत्ता पर प्रकाश डाला।

50 years of emergency: श्री पैकरा ने सभी नागरिकों से आग्रह किया कि वे संविधान प्रदत्त अधिकारों और कर्तव्यों को समझें और देश को एक सशक्त लोकतंत्र बनाए रखने में अपनी भागीदारी निभाएं।
प्रेस वार्ता के दौरान रेड क्रॉस सोसाइटी के चेयरमेन बाबूलाल अग्रवाल, भाजपा के पूर्व जिला रामकृपाल साहू, जिला उपाध्यक्ष लाल संतोष सिंह, जनपद अध्यक्ष श्रीमति स्वाति सिंह एवं आपातकाल कार्यक्रम के संयोजक अशोक सिंह, राजेश्वर तिवारी,संदीप अग्र‌वाल शशिकांत गर्ग, अजित गुप्ता, संस्कार अग्रवाल सहित भाजपा कार्यकर्ता उपस्थित थे।

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