नाईट लैंडिंग कार्य प्रारम्भ होने का हवाई सुविधा जन संघर्ष समिति ने किया स्वागत
बिलासपुर । हवाई सुविधा जन संघर्ष समिति ने नाईट लैंडिंग सम्बन्धी काम चालू होने का स्वागत किया है और अपेक्षा जाहिर की कि पीडब्ल्यूडी सभी काम समय सीमा के साथ पूरी गुणवत्ता के साथ पूरा कराएगा। समिति ने इसके साथ ही केंद्र सरकार से मांग की कि रक्षा मंत्रालय के कब्जे में 12 साल से जो जमीन बेकार पड़ी है, उसे वह एयरपोर्ट विकास के लिए उपलब्ध कराए।
हवाई सुविधा जन संघर्ष समिति ने कहा कि एयरपोर्ट पर सारे काम एएआई के मापदंडो के आधार पर होने है । यह बात ध्यान में रख कर काम पूरा करना है और इसके दौरान एएआई की टीम को दौरा भी करना चाहिए, जिससे बाद में कोई असुविधा लाइसेंस लेने के लिए ना हो। इसके साथ ही नाईट लैंडिंग उपकरणों की स्थापना के लिए 28 एकड़ ऐसी जमीन भी चाहिए जो फिलहाल सेना के कब्जे में है। इस पर काम करने की अनुमति रक्षा मंत्रालय केंद्र सरकार को तुरंत देनी चाहिए।
4 सी आईएफ़आर एयरपोर्ट के लिए 270 एकर जमीन चाहिए ।2885 मीटर का रनवे बनेगा जिससे एयरबस , बोईंग विमान भी उतर सकें। हवाई सुविधा जन संघर्ष समिति ने बताया की अभी सेना के पास 1012 एकड़ जमीन है जो की 12 साल से खाली पड़ी है। सेना के ट्रेनिंग सेंटर का प्रोजेक्ट भी ड्राप हो चुका है। भूमि अधिग्रहण कानून के अनुसार यदि अधिग्रहण के 5 साल बाद भी भूमि का उपयोग नहीं किया जाता है तो अधिग्रहण लैप्स किया जा सकता है। इस स्थिति को देख कर सेना को स्वयं ही एयरपोर्ट विकास के लिए 270 एकड़ जमीन वापस सौंप देनी चाहिए।
आज के धरना आंदोलन क दुर्ग से आये पत्रकार अमोल मालसुरे और सत्येंद्र सूर्यवंशी ने भी समर्थन दिया ।आज के महा धरने में बद्री यादव, केशव गोरख, अशोक भंडारी, दीपक कश्यप, राकेश शर्मा, समीर अहमद, विजय वर्मा, रशीद बख्श, संत कुमार नेताम, अनिल गुलहरे, अमर बजाज, मोहन जायसवाल, संजय पिल्लै, संतोष पीपलवा अकील अली, चंद्र प्रकाश जायसवाल, नरेंद्र सोनी, आकाश सिंह चौहान, नरेश यादव, और सुदीप श्रीवास्तव उपस्थित थे।