केवि में संभाग स्तरीय त्रिदिवसीय हिन्दी कार्यशाला
बिलासपुर । केन्द्रीय विद्यालय बिलासपुर में 13 से 15 जुलाई तक स्नातकोत्तर शिक्षकों की त्रिदिवसीय संभाग स्तरीय कार्यशाला आयोजित की गई । इस कार्यशाला में केन्द्रीय विद्यालय संगठन रायपुर संभाग के सभी विद्यालयों के हिन्दी शिक्षक सम्मिलित हुए।
कार्यशाला का उद्घाटन समारोह 13 जुलाई को हुआ। सर्वप्रथम कार्यशाला निदेशक एवं प्राचार्य धीरेन्द्र कुमार झा ने दीप प्रज्ज्वलित करके एवं माँ वीणापाणि की पूजा अर्चना करके कार्यशाला का शुभारंभ किया। नन्हें विद्यार्थियों ने सुमधुर स्वागत गीत प्रस्तुत किया।

शिक्षक सुनील पाण्डेय ने कार्यशाला के लक्ष्य एवं उद्देश्य की सारगर्भित जानकारी देते हुए बताया कि इसमें कक्षा ग्यारहवीं एवं बारहवीं के लिए केन्द्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के नए पाठ्यक्रम व मानकों के अनुरूप हिन्दी विषय की अध्ययन सामग्री एवं प्रश्न पत्र तैयार किया गया है।
कार्यशाला निदेशक धीरेन्द्र कुमार झा ने सभी प्रतिभागियों के मार्गदर्शन करते हुए कहा कि अध्ययन सामग्री पूर्णतः मौलिक हो एवं उसमें सभी बौद्धिक स्तर के विद्यार्थियों का ध्यान रखा जाए। प्रत्येक पाठ का सारांश व उसके पश्चात बहुविकल्पीय प्रश्न एवं लघुत्तरीय प्रश्नों का क्रम रखा जाए। मंद ग्राही एवं अपेक्षाकृत कम बुद्धि लब्धि वाले विद्यार्थियों हेतु संक्षिप्त एवं सारगर्भित अध्ययन सामग्री का निर्माण किया जाना ही सर्वथा उचित होगा। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि प्रत्येक विद्यार्थी की अकादमिक व बौद्धिक संवृद्धि एवं परीक्षा में बेहतरीन परिणाम हेतु यह आदर्श अध्ययन सामग्री सिद्ध होगी।

कार्यशाला के संसाधक डॉ योगेन्द्र पाण्डेय एवं धर्मेन्द्र कुमार ने सीबीएसई के पाठ्यक्रम प्रादर्श प्रश्न पत्र एवं ब्लू प्रिंट को प्रस्तुत करते हुए आलोचनात्मक चिंतन आधारित प्रश्न निर्माण हेतु मार्गदर्शन किया। विदित हो कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति में भी इस बात पर जोर दिया गया है।
भोजनावकाश के पश्चात अर्चना मर्सकोले ने गद्य शिक्षण प्रविधि को समझाते हुए एवं पवन समीर ने काव्य शिक्षण प्रविधि को समझाते हुए पावर पॉइंट आधारित आदर्श शिक्षण प्रस्तुत किया जो अत्यंत रुचिकर था।
कार्यशाला के द्वितीय दिवस पर अपेक्षाकृत कम बुद्धि लब्धि वाले मन्दग्राही विद्यार्थियों की अकादमिक संवृद्धि लिए कार्य योजना तैयार की गई। प्राचार्य एवं स्थल निदेशक धीरेन्द्र कुमार झा ने पाठ्य विषय को सरल, सुगम एवं रुचिकर बनाने हेतु व्यवहारिक बातें बताईं एवं अध्ययन सामग्री को सारगर्भित एवं परीक्षोपयोगी बनाने का निर्देश दिया। संसाधक द्वय डॉ योगेन्द्र पाण्डेय एवं धर्मेन्द्र कुमार ने इस उद्देश्य की प्राप्ति हेतु आदर्श पाठ प्रस्तुत किया, जिसमें मंदग्राही विद्यार्थियों हेतु परीक्षोपयोगी महत्वपूर्ण प्रश्नों को भी सम्मिलित किया। इसके मध्य अनवरत रूप से संपादन समिति अध्ययन सामग्री संकलन एवं प्रूफ शोधन में जुटी रही।
भोजनावकाश के पश्चात अजय कुमार साहू ने अपठित गद्यांश व काव्यांश पर आदर्श पाठ प्रस्तुत किया एवं विद्यार्थियों द्वारा आलोचनात्मक व चिंतन कौशल आधारित प्रश्नों को हल करने के तरीके हेतु मार्गदर्शन किया। दिनेश चंद्र कौशिक ने काव्य शिक्षण प्रविधि को एवं अमित कुमार पाण्डेय ने निबंध शिक्षण प्रविधि को पाठ योजना के साथ आदर्श पाठ प्रस्तुत किया।
कार्यशाला के अंतिम दिवस पर संपादन समिति ने ग्यारहवीं एवं बारहवीं के अध्ययन सामग्री निर्माण को अंतिम रूप प्रदान करते हुए स्थल निदेशक को ई अध्ययन सामग्री सौपीं।
भोजनावकाश के पश्चात नई शिक्षा नीति के लक्ष्य एवं उद्देश्यों पर स्थल निदेशक धीरेन्द्र कुमार झा ने सबका मार्गदर्शन किया एवं अध्ययन सामग्री में निर्देशित बातों को सम्मिलित करने का निर्देश दिया।
द्वितीय सत्र में शिव कुमार साहू एवं नज़मा फिरदौस ने कक्षा बारहवीं के प्रतिदर्श प्रश्न पत्र एवं उनके आदर्श उत्तर पर सार्थक परिचर्चा की एवं प्रतिभागियों का शंका समाधान किया।
चायकाल के पश्चात डॉ मोना अली एवं विजयेंद्र प्रताप सिंह ने कार्यशाला के अपने अनुभवों एवं समूह कार्य की उपयोगिता पर उद्बोधन देते हुए कहा कि इस कार्यशाला के पश्चात हम न केवल पाठ्यक्रम के प्रति अद्यतन हुए हैं बल्कि इससे हमने स्वयं में अधिक उत्साहपूर्वक ढंग से विद्यार्थियों को प्रेरित करने का गुण भी विकसित किया है। इसमें डॉ राजेश शर्मा एवं श्री सिद्दीक़ी का योगदान सराहनीय रहा l
अंत में विद्यालय के प्राचार्य धीरेन्द्र कुमार झा ने कार्यशाला आयोजन काअवसर देने के लिए केंद्रीय विद्यालय संगठन, क्षेत्रीय कार्यालय रायपुर के उपायुक्त विनोद कुमार के प्रति आभार व्यक्त किया।

