बिलासपुर। जोगी परिवार ने भाजपा का दामन थामने का तो मन नहीं बना लिया है ? जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ जोगी को प्रदेश अध्यक्ष अमित जोगी की केन्द्रीय मंत्री अमित शाह से मुलाकात को इसी संभावना से जोड़कर देखा जा रहा है। अमित ने दिल्ली में श्री शाह से मुलाकात की है।
छत्तीसगढ़ में जोगी की पार्टी जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ जोगी को भाजपा की बी टीम बनकर कार्य करने के आरोप लगते रहे हैं। वर्ष 2003 के विधानसभा चुनावों से लेकर 2013 तक लगातार तीन चुनावों में कांग्रेस की हार के लिए अजीत जोगी को ही जिम्मेदार माना गया। भूपेश बघेल ने कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष बनते ही सबसे पहले स्वर्गीय अजीत जोगी को कांग्रेस से किनारे करना शुरू किया। अजीत ने कांग्रेस से अलग होकर जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ जोगी के नाम से नई पार्टी बना ली और 2013 का विधानसभा चुनाव अपनी पार्टी के चुनाव चिन्ह हलधर किसान पर चुनाव लड़ा। बहुजन समाज पार्टी से सीटों का तालमेल कर अजीत जोगी ने बड़ा चुनावी दांव भी खेला, लेकिन आशा के अनुकूल सफलता नहीं मिली। पांच सीटें जोगी कांग्रेस को तो 5 सीटें बसपा को मिलीं।
इस चुनाव जोगी कांग्रेस और बसपा में गठबंधन और पूरा दमखम दिखाने का फायदा भाजपा को मिला और लगातार तीसरी बार उसकी सरकार बन गई। पिछले यानी 2018 के विधानसभा चुनावों में भाजपा का केंद्रीय नेतृत्व भी अच्छे से समझ गया कि जोगी परिवार की पार्टी का उपयोग कांग्रेस का वोट काटने के लिए करने में भलाई है। इसी कारण अधिकांश जगह जोगी कांग्रेस के प्रत्याशी खड़े किये गए , जिससे कांग्रेस को नुकसान हुआ। जोगी कांग्रेस को इस विधानसभा चुनाव में भले ही एक भी सीट न मिली हो , लेकिन भाजपा के लिए एक बार फिर वरदान साबित हुई! 2018 के विधानसभा चुनावों में 68 सीटें जीतकर दो तिहाई से भी अधिक बहुमत से जीत कर सरकार बनाने वाली कांग्रेस सत्ता से बाहर हो गई।


		
	







