बिलासपुर। बिलासपुर सेंट्रल जेल में एक कैदी की संदिग्ध हालत में मौत से हड़कंप मच गया। बताया जा रहा है कि पुलिस ने शराब के प्रकरण में उक्त बंदी को चार दिन पहले गिरफ्तार कर न्यायिक रिमांड पर जेल दाखिल किया था। वही बंदी की मौत के बाद परिजनों ने पुलिस पर बेरहमी से पिटाई करने का गंभीर आरोप लगाया है,जिससे उसकी मौत हो गयी। पीड़ित परिवार ने घटना की जांच कर इस मामले में दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है।
Bilaspur News: जानकारी के अनुसार सीपत क्षेत्र के ग्राम मोहरा में रहने वाले श्रवण चंद्रवंशी को पुलिस ने महुआ शराब के साथ 17 जनवरी को गिरफ्तार किया था। जिसके बाद पुलिस ने उसे गिरफ्तारी के दो दिन बाद 19 जनवरी को कोर्ट में पेश कर न्यायिक रिमांड पर जेल भेज दिया था। परिजनों का आरोप है कि पुलिस की इस कार्रवाई के बाद जब वो लोग श्रवण से मिलने जेल गये, तब उन्हे उससे मिलने नहीं दिया गया। बताया जा रहा है कि जेल में निरूद्ध बंदी श्रवण तांबे की रविवार की रात अचानक तबियत बिगड़ गयी। जेल प्रबंधन के अनुसार उसे सांस लेने में दिक्कत होने लगी।
Bilaspur News: तब उसे आनन-फानन में जेल अस्पताल और फिर सिम्स रेफर किया गया। सिम्स में कैदी को भर्ती कराये जाने के बाद उपचार के दौरान उसने दम तोड़ दिया। सोमवार की सुबह इस घटना की जानकारी परिजनों को मिलते ही वो सन्न रह गये। श्रवण चंद्रवंशी की पत्नी लहरा बाई ने पुलिस पर गंभीर आरोप लगाये है। उसका आरोप है कि जब पुलिस ने उसे महुआ शराब के साथ पकड़ा था, तब उससे दस हजार रुपए की मांग की गयी थी। परिजन जब उससे थाने में मिलने पहुंचे तब कोर्ट से आदेश लेकर आने के लिए कहकर उन्हे मिलने नही दिया गया।
Bilaspur News: मृतक की पत्नी लहराबाई का यह भी आरोप है कि पुलिस को पैसा नही दे पाने पर 36 घंटे तक उसे हवालात में बंद रखा गया। साथ ही उसकी बेरहमी से पिटाई की गई। परिवार वाले जब पैसा दे पाने में असमर्थ साबित हुए तब श्रवण चंद्रवंशी के खिलाफ केस दर्ज कर जेल भेज दिया गया। वहीं श्रवण के पिता अमृत चंद्रवंशी ने बताया कि रात नौ बजे जेल प्रबंधन की सूचना के बाद वह अस्पताल पहुंचे थे। इस दौरान परिजनों को श्रवण से मिलने नहीं दिया गया।
Bilaspur News: श्रवण के पिता अमृत चंद्रवंशी का आरोप है कि रात को श्रवण की स्थिति गंभीर थी। वह बात नहीं कर पा रहा था। अस्पताल के कर्मचारियों ने उसे एक बेड पर लिटा रखा था। रातभर उसे एक भी डाक्टर देखने के लिए नहीं आया। यदि डाॅक्टर समय रहते उसका उपचार करते तो उसकी जान बच सकती थी। परिजनों ने श्रवण के साथ थाने और जेल में मारपीट का आरोप लगाया है। इधर जेल प्रबंधन ने घटना की जानकारी जिला प्रशासन के अधिकारियों को दी है। न्यायीक अधिकारियों की मौजूदगी शव का पीएम कराकर आज परिजनों को सौंप दिया गया।

