रायपुर। Death in police custody: बलरामपुर में पुलिस हिरासत में मौत की घटना पर पीसीसी चीफ दीपक बैज और नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरण दास महंत के बयान का मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने जवाब दिया है। उन्होंने कांग्रेस नेताओं को संयम बरतने की सलाह दी  है और कहा है कि कानून को काम करने दें। उन्होंने बलरामपुर की घटना को लेकर कहा कि महिला गायब हुई थी। उसके पति को पूछताछ के लिए बुलाया गया था। 

Death in police custody: मुख्यमंत्री साय ने नेता प्रतिपक्ष चरणदास महंत के बयान पर कहा, “कांग्रेस के जो बड़े नेता हैं, उन्हें संयम से काम लेना चाहिए और कानून को अपने हाथ में नहीं लेना चाहिए। कानून है, सरकार है और जो तथ्य  सामने आएगा,उस पर निश्चित रूप से कार्रवाई होगी।

युवक की पुलिसिया पिटाई से हुई मौत- दीपक बैज

Death in police custody: प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज एक दिन पूर्व ही बलरामपुर पहुंचे थे और मृतक के परिजनों से मुलाकात की थी। रायपुर लौटने के बाद कांग्रेस कार्यालय राजीव भवन में पत्रकार वार्ता का संबोधित करते हुये दीपक बैज ने कहा कि इस घटना को लेकर पुलिस का दावा है कि गुरुचरण की मौत बाथरूम में फांसी लगाने से हुई है, जबकि सारे तथ्य बताते हैं कि युवक गुरुचरण मंडल की मौत पुलिस की पिटाई से हुई है। दीपक बैज ने बताया कि मृतक गुरुचरण मंडल, जिसकी पत्नी 29 सितंबर को लापता हो गई थी। इसकी शिकायत दर्ज होने के बाद गुरुचरण मंडल को उसके पिता के साथ पूछताछ के लिए पुलिस स्टेशन बुलाया गया था। मृतक के परिजनों का कहना है कि पुलिस ने 4 दिनों से उसे तथा उसके पिता को थाने बुलाया तथा उन्हें थाने में हिरासत में रखा था। गुरुचरण मंडल के पिता का कहना है कि पिछले 20 दिनों से उनकी बहू लापता है और मैं अपने बेटे के साथ तीन दिनों तक हिरासत में रहा। पुलिस ने हमें बेरहमी से पीटा। बलरामपुर पुलिस की वजह से मैंने अपने बेटे को खो दिया।

Death in police custody: दीपक बैज ने मीडिया के समक्ष तथ्यों को रखते हुए कुछ सवाल भी पूछे हैं। उन्होंने कहा कि किसी भी व्यक्ति को पुलिस 24 घंटे से अधिक समय तक हिरासत में नहीं रख सकती। गुरुचरण मंडल, उनके पिता तथा एक अन्य को चार दिनों तक थाने में हिरासत में क्यों रखा गया? उन्हें 24 घंटे के भीतर कोर्ट में क्यों प्रस्तुत नहीं किया गया? बैज ने कहा कि मृतक के पास टॉवेल (तौलिया) कहां से आया जबकि उसके पिता का कहना है उसके पास कोई टॉवेल नहीं था? मृतक के शरीर का पंचनामा परिजनों व परिचितों के सामने क्यों नहीं किया गया? मृतक के परिजन शव को दफनाने की मांग कर रहे थे, मगर पुलिस उसे जलाना क्यों चाहती थी, हालांकि बाद में दबाव के कारण शव को दफनाया गया। मृतक के शव को थाने से अस्पताल ले जाते समय उसके पिता ने देखा जरूर, लेकिन उसकी मौत की जानकारी थाने में उनको क्यों नहीं दी गई ?

सरकार न्यायिक जांच कराए, पीड़ित परिवार को 1 करोड़ मुआवजा दे

Death in police custody: कांग्रेस पार्टी ने मांग की है कि इस मामले की उच्च न्यायालय के जज की निगरानी में जांच कराई जाये। इस पूरे मामले में पुलिस अधीक्षक, एसडीओपी तथा टीआई की भूमिका संदिग्ध है, उन सबके खिलाफ तत्काल कार्यवाही की जाये। मृतक के शरीर का डॉक्टरों का दल बना कर फिर से पोस्टमार्टम कराया जाये।मृतक के परिवार को 1 करोड़ मुआवजा दिया जाये। प्रदेश की बिगड़ती कानून व्यवस्था की नैतिक जिम्मेदारी लेकर मुख्यमंत्री इस्तीफा दें और गृह मंत्री को बर्खास्त किया जाये। दीपक बैज ने बताया कि  इस मामले को लेकर 28 अक्टूबर को सभी जिलों में कांग्रेस की पत्रकारवार्ता होगी तथा 3  नवंबर को धरना प्रदर्शन किया जायेगा।

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