• एनटीपीसी, एसईसीएल की मदद से पर्यटन स्थलों का होगा विकास
• बिलासपुर में पर्यटन विकास की काफी संभावनाएं
बिलासपुर,। Tourism Development: केन्द्रीय शहरी विकास राज्यमंत्री तोखन साहू ने कहा है कि बिलासपुर जिले में पर्यटन विकास की अपार संभावनाएं मौजूद हैं। अब तक पर्यटन विकास के संबंध में ज्यादा काम नहीं हो पाये हैं। उन्होंने कहा कि बिलासपुर,रतनपुर, खूंटाघाट, खुड़िया जलाशय,अचानकमार टाईगर रिजर्व, अमरकंटक आदि को मिलाकर एक टूरिस्ट सर्किट विकसित किया जायेगा। एनटीपीसी, एसईसीएल, अडानी फाउण्डेशन एवं अन्य बड़ी संस्थानों के सहयोग से इन केन्द्रों का उच्च स्तरीय विकास किया जायेगा। जिला प्रशासन द्वारा निजी कन्सल्टेन्ट की मदद से इसके लिए डीपीआर तैयार किया जा रहा है।
Tourism Development: श्री साहू ने आज मंथन सभाकक्ष में स्थानीय विधायकों की मौजूदगी में अधिकारियों और कम्पनी प्रबंधन की संयुक्त बैठक लेकर विचार-विमर्श किया और दिशा-निर्देश दिए। बैठक में विधायक श्री धर्मजीत सिंह, श्री सुशांत शुक्ला, श्री दिलीप लहरिया, श्री अटल श्रीवास्तव, जिला पंचायत अध्यक्ष श्री राजेश सूर्यवंशी, जिला कलेक्टर श्री संजय अग्रवाल, जिला पंचायत सीईओ संदीप अग्रवाल प्रमुख रूप से उपस्थित थे।
Tourism Development: बैठक में केन्द्रीय मंत्री श्री साहू ने कहा कि बिलासपुर छत्तीसगढ़ के मध्य में स्थित है। बड़ी संख्या में लोगों का यहां से होकर आना-जाना लगा रहता है। वे यहां रूक कर कुछ समय बिताने के भी इच्छुक होते हैं। पर्यटन केन्द्र और घुमने फिरने के पर्याप्त स्थल मौजूद हैं, लेकिन समुचित सुविधा एवं प्रचार-प्रसार के अभाव में लोगों को इनकी जानकारी नहीं है। उन्होंने इस कार्य में एनटीपीसी, एसईसीएल एवं अडानी फाउण्डेशन को मदद करने की अपील भी की। उन्होंने कहा कि डीपीआर तैयार हो जाने पर उन्हें कुछ केन्द्रों के विकास की जिम्मेदारी सौंपी जायेगी। कम्पनी प्रबंधन ने इसके लिए सहमति जताई। केन्द्र सरकार की प्रसाद योजना का लाभ भी इस परियाजना में लिया जायेगा।
Tourism Development: कलेक्टर संजय अग्रवाल ने कहा कि एक महीने के भीतर डीपीआर तैयार हो जाएगी। इसके बाद फिर बैठक लेकर कम्पनियों को कार्य आवंटित किया जायेगा। कलेक्टर ने कहा कि यहां आने वाले पर्यटक के दो-तीन दिन ठहरने योग्य व्यवस्था की जा रही है। अचानकमार टाईगर रिजर्व लगभग 1 हजार वर्ग किलोमीटर में फैला है। इसमें प्रवेश के लिए खुड़िया के अलावा केंवची एवं शिवतराई से होकर जाते हैं। उन्होंने कहा कि लोगों की आमदनी बढ़ रही हैं। साल भर में दो-तीन दफा घूमने-फिरने एवं मनोरंजन के लिए जरूर निकलते हैं। उनके लिए ठहरने एवं खाने पीने की अच्छी व्यवस्था की जाए तो ज्यादा से ज्यादा लोग यहां आएंगे। अंततः इसका लाभ हमारे लोगों और जिले को होगा। जिले के बैगा बहुल इलाकों में होम स्टे की व्यवस्था भी की जा सकती है। ट्राइबल संस्कृति एवं ट्री विलेज का कांसेप्ट भी लोकप्रिय हो रहा है। पर्यटन सर्किट के निर्माण से सांस्कृतिक विरासत के संरक्षण के साथ ही स्थानीय लोगों को रोजगार भी मिल सकेगा।

