रायपुर। Contract Payment crisis: छत्तीसगढ़ में सरकारी विभागों के ठेकेदारों की आर्थिक हालत खस्ता होती जा रही है। विभिन्न विभागों में कार्यरत ठेकेदारों को काम करने के बावजूद भुगतान के लिए तरसना पड़ रहा है। इस हालत को लेकर ठेकेदारों ने राजधानी रायपुर में 16 सितंबर को एक प्रदेश स्तरीय बैठक बुलाई है। इस बैठक में ठेकेदार रणनीति बनाकर वित्तीय समस्याओं से निपटने पर चर्चा करेंगे। कार्य का भुगतान नहीं होने के कारण ठेकेदारों के सामने आर्थिक संकट खड़ा हो गया है।
Contract Payment crisis: इधर अफसर बजट का रोना रोकर अपना पल्ला झाड़ रहे हैं। वहीं ठेकेदार एसोसिएशन इस बात के लिए भी खफा है कि पूर्व में किए गए कार्यों का भुगतान लंबित होने के बावजूद अफसर नए कार्यों को लेकर भी दबाव बना रहे हैं। ठेकेदार एसोसिएशन ने अब प्रदेशभर के ठेकेदारों को राजधानी में इकट्ठा होने को कहा है।अधिकारियों की मनमानी और विसंगतियों को लेकर ठेकेदारों ने लामबंद होकर विरोध करने की तैयारी कर ली है। ऐसे कई मुद्दे हैं जिसे लेकर एसोसिएशन ने आक्रामक रूख अख्तियार कर लिया है। 16 सितंबर को बैठक में प्रदेशभर के ठेकेदार उपस्थित रहेेंगे। बैठक के पश्चात राज्य सरकार के सामने निर्माण संबंधाी मुद्दों को एसोएिशन प्रमुखता से रखेगा।
Contract Payment crisis: एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष बिरेश शुक्ला व राजनांदगांव के अध्यक्ष संजय सिंगी ने कहा कि संगठन की मजबूती और विस्तार के साथ ही विभिन्न ज्वलंत मुद्दों पर चर्चा पश्चात निर्णय लेने बैठक बुलाई गई है। इस बैठक में महत्वपूर्ण निर्णय लिए जाएंगे। ठेकेदारों का यह भी कहना है कि राज्य के विकास में उनकी अहम भूमिका होती है, लेकिन विभागीय अधिकारियों द्वारा समस्याओं का निराकरण करने के बजाय हर स्तर पर प्रक्रियाओं को जटिल बनाने में दिलचस्पी दिखाई जाती है। निर्माण कार्य के बाद भुगतान के लिए भी चक्कर लगवाया जा रहा है।
Contract Payment crisis: ठेकेदार अनावश्यक रूप से अफसरशाही के रवैये से आर्थिक और मानसिक परेशानी से जूझ रहे हैं। लाखों रुपए का भुगतान रूकने से ठेकेदारों का जमीनी स्तर पर कामकाज प्रभावित हो रहा है। बताया जा रहा है कि वर्तमान में करोड़ों रुपए का बिल अटका हुआ है। भुगतान नहीं होने से ठेकेदारों को कर्ज लेने के लिए भी कदम उठाना पड़ रहा है। इस तरह के मसलों पर सरकार का ध्यान नहीं है। यही कारण है कि ठेकेदार संघ ने अब सार्वजनिक रूप से बैठक करने और अपनी समस्याओं को लेकर रणनीति बनाने का निर्णय लिया है।

