33वें बिलासा महोत्सव का रंगारंग समापन
बिलासपुर । बिलासा की नगरी बिलासपुर वालों का असीम प्यार और अपनापन बिलासा महोत्सव को मिलता रहा है। हजारों दर्शकों के साथ 33 वें महोत्सव का रंगारंग समापन हुआ। बिलासा कला मंच के संस्थापक डॉ सोमनाथ यादव ने 33 वर्षों के बिलासा कला मंच के सफर की चर्चा करते हुए कहा कि एक छोटे से आयोजन बांस गीत की प्रस्तुति से शुरू हुआ यह महोत्सव और मंच पूरे वर्ष भर विविध आयोजनों से अपने शहर और प्रदेश की जनता से रूबरू होते रही है। हम हास – परिहास के रूप में मूर्खाधिराज सम्मान का कार्यक्रम करते हैं तो सामाजिक कर्तव्यों को ध्यान में रखकर पर्यावरण हित मे अरपा आराधना और अरपा बचाओ अभियान भी चलाते हैं।शरद पूर्णिमा पर राष्ट्रीय कवि सम्मेलन तो तीज त्यौहार पर स्थानीय कार्यक्रम कर लोगों से जुड़ने का प्रयास करते हैं।
समापन समारोह के मुख्य अतिथि नगर विधायक शैलेश पांडेय ने बेहद भावुक होकर कहा कि इस महोत्सव में आना मेरे लिए किसी तीर्थ दर्शन से कम नहीं है। छत्तीसगढ़ की लोक संस्कृति का अनूठा दर्शन बिलासा महोत्सव में देखने को मिलता है।अध्यक्षता करते हुए समाजसेवी प्रवीण झा ने इस महोत्सव की सफलता और उत्ततोत्तर प्रगति के लिए शुभकामनाएं देते हुए मंच के संस्थापक और उनकी टीम को बधाई दी। विशिष्ट अतिथि वरिष्ठ साहित्यकार डॉ अजय पाठक ने कहा कि मैं इस मंच के संरक्षक के पद पर अपने को गौरवान्वित महसूस करता हूँ।अंचल के कला और कलाकारों के लिए यह मंच समर्पित रहा है। विशिष्ट अतिथि पार्षद नगर निगम बिलासपुर राजेश सिंह,सचिव प्रेस क्लब बिलासपुर इरशाद अली ने भी कार्यक्रम की सफलता पर अपनी शुभकामनाएं प्रेषित की।अतिथियों ने बिलासा लोककला सम्मान से डॉ पुरषोत्तम चंद्राकर रायपुर को,बिलासा साहित्य सम्मान डॉ अनिल भतपहरी रायपुर को, बिलासा सेवा सम्मान राजेन्द्र जायसवाल बिलासपुर को , बिलासा शिक्षा सेवा सम्मान डॉ गजेंद्र तिवारी पाली , बिलासा पत्रकारिता सम्मान से ललित गोपाल और जितेंद्र थवाईत बिलासपुर को सम्मानित किया गया।। दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे के उप मुख्य परिचालन प्रबंधक डॉ सोमनाथ मुखर्जी की पुस्तक जिंदगी के कितने रंग का विमोचन भी अतिथियों ने किया। कार्यक्रम का बेहतरीन संचालन करते हुए रश्मि गुप्ता और महेंद्र ध्रुव ने रायपुर से आये डॉ पुरषोत्तम चंद्राकर की टीम लोकरंजनी को मंच पर आमंत्रित किया।एक से बढ़कर एक प्रस्तुति से टीम ने सबका मन मोह लिया। गुंडरदेही से आये संजू सेन की टीम ने 95 से अधिक लोकवाद्यों की मधुर ध्वनि छेड़कर वातावरण को संगीतमय कर दिया। रायपुर से आये गौतम चौबे की टीम ने लोरिकचंदा की शानदार प्रस्तुति देकर लोगों की खूब वाहवाही लूटी।कार्यक्रम की शुरुआत वी एम इंग्लिश मीडियम स्कूल सिरगिट्टी के बच्चों ने मनोरम नृत्य प्रस्तुत कर सबको खुश कर दिया। मंच के सदस्यों और नगर के सुधि दर्शकों ने कार्यक्रम का भरपूर आनंद लिया।इस अवसर पर मंच के अध्यक्ष महेश श्रीवास,डॉ विनय कुमार पाठक, डॉ सुधाकर बिबे,डॉ अजय पाठक, चंद्रप्रकाश बाजपेयी,राघवेंद्र धर दीवान,रामेश्वर गुप्ता, यश मिश्रा,दिनेश्वर राव जाधव, देवानंद दुबे,अश्विनी पांडे,नरेंद्र कौशिक, विनोद गुप्ता, मनीष गुप्ता,महेंद्र गुप्ता, अनूप श्रीवास,केवलकृष्ण पाठक,रामकुमार श्रीवास, राकेश श्रीवास,विश्वनाथ राव,डॉ जी डी पटेल,डॉ सोमनाथ मुखर्जी, सतीश पांडे,आनंदप्रकाश गुप्ता,अजय शर्मा, कैलाश चंद्र अग्रवाल, एम डी मानिकपुरी,यशवंत साहू,धर्मवीर साहू,ओमशंकर लिबर्टी, प्रदीप कोशले, बद्री केंवट,अनिल व्यास,श्याम कार्तिक,गोपाल यादव, रामायण सूर्यवंशी,जाविद अली, नीलकमल सहित शहर के अनेक गणमान्य दर्शक उपस्थित थे।