नई दिल्ली। America vs India: अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने भारत को लेकर बड़ा कदम उठाते हुए 6 भारतीय कंपनियों पर कड़े आर्थिक प्रतिबंधों का ऐलान किया है। आरोप है कि इन कंपनियों ने अमेरिकी प्रतिबंधों को दरकिनार करते हुए ईरान के साथ करोड़ों डॉलर का पेट्रोकेमिकल व्यापार किया। अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने यह घोषणा की। इससे पहले ट्रंप ने भारत पर 25 प्रतिशत टैरिफ लगाने का का भी ऐलान किया था।
America vs India: अमेरिका ने अलकेमिकल सॉल्यूशंस प्राइवेट लिमिटेड पर पर 700 करोड़ से ज्यादा के ईरानी पेट्रोकेमिकल उत्पाद आयात करने,
ग्लोबल इंडस्ट्रियल केमिकल्स लिमिटेड पर 425 करोड़ से ज्यादा के ईरानी मेथनॉल सहित अन्य उत्पाद खरीदने, ज्यूपिटर डाई केम प्राइवेट लिमिटेड पर टोल्यून समेत ईरानी उत्पादों का 49 मिलियन डॉलर का आयात करने , इसी तरह रमणिकलाल एस. गोसालिया एंड कंपनी पर 22 मिलियन डॉलर के पेट्रोकेमिकल्स खरीदने, पर्सिस्टेंट पेट्रोकेम प्राइवेट लिमिटेड पर 14 मिलियन डॉलर का ईरानी मेथेनॉल आयात करने तथा
कंचन पॉलिमर्स पर 1.3 मिलियन डॉलर के ईरानी पॉलीइथिलीन उत्पाद खरीदने का आरोप लगाया है।
America vs India: ट्रम्प प्रशासन ने यह कार्रवाई तुर्की, चीन, UAE और इंडोनेशिया की कई कंपनियों पर भी की है। आरोप है कि ये कंपनियां भी ईरानी तेल व्यापार को समर्थन दे रही थीं। अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने कहा कि प्रतिबंधों का मकसद सजा देना नहीं, बल्कि ईरान के साथ होने वाले अवैध व्यापार को रोकना और व्यवहार में बदलाव लाना है। बैन की गई कंपनियां अमेरिकी ट्रेजरी विभाग में अपील कर सकती हैं।
ट्रम्प का तीखा बयान
America vs India: ट्रुथ सोशल पर ट्रम्प ने लिखा कि, “मुझे फर्क नहीं पड़ता कि भारत रूस के साथ क्या करता है, परंतु ये दोनों देश अपनी मृत अर्थव्यस्थाओं को नीचे गिराने में लगे हैं। भारत के टैरिफ दुनिया में सबसे ऊंचे हैं। रूस और अमेरिका का व्यापार लगभग शून्य है — और ऐसे ही रहना चाहिए।” उन्होंने रूस के पूर्व राष्ट्रपति मेदवेदेव को भी ताना मारते हुए कहा कि “वो खुद को अब भी राष्ट्रपति समझते हैं। उन्हें अपने शब्दों पर ध्यान देना चाहिए।”

