अकोला। Astronomical phenomenon: जुलाई का महीना खगोलशास्त्र में रुचि रखने वालों के लिए कुछ खास लेकर आया है। 4 जुलाई को पृथ्वी सूर्य से अपनी सबसे ज्यादा दूरी पर होगी, जिसे वैज्ञानिक ‘अपसूर्य स्थिति’ यानी ‘एफीलियन’ (aphelion) कहते हैं। इस दिन पृथ्वी सूर्य से करीब 15 करोड़ 21 लाख किलोमीटर दूर होगी। इस वजह से सूरज हमें थोड़ा छोटा दिखेगा।
Astronomical phenomenon: खगोलविदों का कहना है कि ये एक खास मौका है, जब आप सुबह सूर्योदय या शाम को सूर्यास्त के वक्त बिना किसी टेलीस्कोप के इस नजारे को देख सकते हैं।अगले दिन यानी 5 जुलाई को चंद्रमा भी पृथ्वी से सबसे दूर होगा। इस स्थिति को ‘अपभू स्थिति’ यानी ‘एपोजी’ कहते हैं। इस दिन चंद्रमा करीब 4 लाख 4 हजार 600 किलोमीटर की दूरी पर होगा, जिससे वो थोड़ा छोटा नजर आएगा। मजेदार बात ये है कि ये दिन आषाढ़ शुद्ध दशमी को पड़ रहा है।
Astronomical phenomenon: वैसे, इसका उल्टा नजारा भी देखने को मिलता है। हर साल 3 जनवरी को पृथ्वी सूर्य के सबसे करीब होती है, जिसे ‘उपसूर्य स्थिति’ या ‘पेरीहेलियन’ कहते हैं। उस वक्त सूरज बड़ा दिखता है। ठीक वैसे ही, 20 जुलाई को चंद्रमा पृथ्वी के सबसे पास होगा, जिसे ‘उपभू स्थिति’ या ‘पेरीजी’ कहते हैं। उस दौरान खासकर पूर्णिमा के आसपास चांद बड़ा और चमकदार दिखेगा। विश्वभारती केंद्र के संचालक प्रभाकर दोड ने लोगों से अपील की है कि वो इस खगोलीय घटना को जरूर देखें और ब्रह्मांड की इस खूबसूरत लय को महसूस करें। ये न सिर्फ वैज्ञानिकों के लिए, बल्कि आम लोगों के लिए भी प्रकृति के संतुलन को समझने का शानदार मौका है।










