अयोध्या। Ayodhya:  अयोध्या एक बार फिर इतिहास रचने को तैयार है। भूमिपूजन और प्राण प्रतिष्ठा के बाद अब श्रीराम जन्मभूमि आंदोलन के स्वर्णिम सफर का अंतिम अध्याय लिखा जाएगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 25 नवंबर को अयोध्या पहुंचकर राम मंदिर के भव्य निर्माण की ‘पूर्णता’ की औपचारिक घोषणा करेंगे। यह अवसर केवल धार्मिक नहीं, बल्कि भारत के सांस्कृतिक स्वाभिमान और राष्ट्रीय गौरव का प्रतीक माना जा रहा है।

Ayodhya: प्रधानमंत्री मोदी का अयोध्या से यह पाँचवाँ दौरा होगा। 2019 में सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद उन्होंने 2020 में भूमिपूजन और 2024 में प्राण प्रतिष्ठा का नेतृत्व किया था। अब 2025 में वे मंदिर की पूर्णता का शंखनाद करने आ रहे हैं। राम मंदिर निर्माण समिति ने ध्वजारोहण समारोह की रूपरेखा तय कर ली है। पीएम मोदी 161 फीट ऊँचे मुख्य शिखर समेत सात पूरक मंदिरों के शिखरों पर भगवा धर्म ध्वज फहराएँगे और राम दरबार की आरती करेंगे।

Ayodhya: 22 फीट लंबा और 11 फीट चौड़ा यह भगवा ध्वज सूर्य, ॐ और कोविदार वृक्ष के प्रतीकों से सुसज्जित होगा, जो रघुवंश की परंपरा का द्योतक है। समारोह में आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत, राज्यपाल आनंदीबेन पटेल और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सहित हजारों श्रद्धालु शामिल होंगे। 21 से 25 नवंबर तक चलने वाले पांच दिवसीय अनुष्ठान में 108 आचार्य वेदपाठ, रामचरितमानस पाठ और हवन करेंगे। प्रधानमंत्री शंकराचार्य द्वार से मंदिर में प्रवेश करेंगे और सप्त मंडप व रामायण की 3डी म्यूरल्स का अवलोकन करेंगे।

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