•इन विमानों के लायक एयरपोर्ट में रनवे ही नहीं
बिलासपुर। Bilasa airport: हवाई सुविधा जन संघर्ष समिति ने बिलासपुर एयरपोर्ट पर नाइट लैंडिंग की प्रगति के बाद अब सबसे अधिक आवश्यक था रनवे विस्तार की बताई है। गौरतलब है कि बिलासा बाई केवट एयरपोर्ट का रनवे 1500 मीटर लंबा है और इसकी चौड़ाई भी केवल 30 मीटर है। जबकि बोइंग या और बस जैसे विमान को संचालन के लिए कम से कम 2200 मीटर लंबा और 45 मीटर चौड़ा रनवे आवश्यक है।
Bilasa airport: हवाई सुविधा जन संघर्ष समिति ने ब्यौरा देते हुए बताया कि यदि राज्य सरकार सेवा के कब्जे वाली 1012 एकड़ जमीन में से केवल 290 एकड़ ही हासिल कर एयरपोर्ट विस्तार के लिए दे देती है तो इसमें रनवे की लंबाई 1500 मीटर से 2885 मीटर तक बढ़ाई जा सकती है। इतना बड़ा रनवे होने पर बिलासपुर में 300 सीटर विमान भी उतर सकेंगे। वर्तमान में बिलासपुर एयरपोर्ट का रनवे 2700 मीटर लंबा है। हवाई सुविधा जनसंचार समिति ने कहा कि प्रथम चरण में बिलासपुर में रनवे की लंबाई 1500 से बढ़कर 2200 मीटर तक की जानी चाहिए और यह सारा कार्य 50 करोड रुपए से कम राशि में संपन्न किया जा सकता है। यदि रनवे 2200 मीटर लंबा और 45 मीटर चौड़ा कर दिया गया तो बिलासपुर में सभी एयरबस और गोइंग विमान जो 200 सीटर क्षमता के हैं उतर सकेंगे। वर्तमान में 80 सीटर से अधिक क्षमता वाले विमान बिलासपुर से संचालित नहीं हो सकते।
Bilasa airport: हवाई सुविधा जन संघर्ष समिति का महा धरना आज भी जारी रहा और भारी बरसात के बावजूद बड़ी संख्या में लोग धरने में शामिल हुए। आज धरने में निषाद समाज की महिला नेत्री बिंदु निषाद और विमला निषाद के अलावा आगमन के क्रम से सर्वश्री रवि बनर्जी अनिल गुलहरे बद्री यादव महेश दुबे टाटा प्रदीप रही राघवेंद्र सिंह बोगो केशव गोरख चित्रकांत श्रीवास देवेंद्र सिंह ठाकुर समीर अहमद बबलाअरविंद दीक्षित मनोज तिवारी अशोक भंडारी गोपी राव प्रतीक तिवारी रणजीत सिंह खनूजा शिवा मुदलियार प्रकाश बहरानी शरद शुक्ला पवन पांडे संतोष पीपलवा मोहसिन अली अकील अली और सुदीप श्रीवास्तव शामिल थे।

