बिलासपुर।  Bilaspur firing:  मस्तूरी में जनपद उपाध्यक्ष नितेश सिंह के ऑफिस के बाहर कल शाम  हुई फायरिंग मामले में पुलिस ने  7 आरोपियों को गिरफतार कर लिया है।  इनमें दो नाबालिग भी हैं। यह फायरिंग आपसी रंजिश और राजनीतिक वर्चस्व की लड़ाई का नतीजा थी।

Bilaspur firing:  वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक रजनेश सिंह के नेतृत्व में बिलासपुर पुलिस ने इस मामले में शामिल सात आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया। आरोपियों के कब्जे से देशी पिस्टल, कट्टा, मैगजीन, जिंदा कारतूस और मोबाइल फोन आदि जब्त किए गए हैं। पुलिस जांच में सामने आया है कि मुख्य आरोपी विश्वजीत अनंत और पीड़ित नितेश सिंह के बीच लंबे समय से जमीन विवाद और राजनीतिक वर्चस्व को लेकर तनाव था। दोनों पक्ष पहले भी एक-दूसरे के खिलाफ शिकायतें दर्ज करा चुके हैं।

Bilaspur firing:  विश्वजीत अनंत ने अपने साथियों के साथ मिलकर नितेश सिंह पर जानलेवा हमला करने की साजिश रची। 25 अक्टूबर को हमला करने की कोशिश नाकाम रही थी। इसके बाद 28 अक्टूबर की शाम करीब छह बजे आरोपी दो मोटरसाइकिलों में सवार होकर मस्तूरी मेन रोड पहुंचे और नितेश सिंह व उनके साथियों पर फायरिंग कर दी।  इस मामले में विश्वजीत अनंत, निवासी ग्राम मोहतरा, अरमान उर्फ बलमजीत अनंत, निवासी ग्राम मोहतरा,चाहत उर्फ विक्रमजीत,  निवासी ग्राम मोहतरा, मोहम्मद मुस्तकीम उर्फ नफीस, निवासी भारतीय नगर
मोहम्मद मतीन उर्फ मोंटू, निवासी अटल आवास, कोनी और दो विधि से संघर्षरत किशोरों को गिरफतार कर लिया गया है।

Bilaspur firing:  हमले में राजू सिंह और चंद्रभान सिंह घायल हुए, जिन्हें इलाज के लिए अपोलो अस्पताल में भर्ती कराया गया। जांच के दौरान यह भी सामने आया है कि तारकेश्वर पाटले ने मुख्य आरोपी विश्वजीत को एक लाख रुपये नकद दिए थे, जिसे उसने आरोपियों में बांटा था। पुलिस का कहना है कि इस मामले में अन्य लोग भी शामिल हो सकते हैं। सभी की भूमिका की जांच की जा रही है। मामले में और गिरफ्तारियां हो सकती हैं।

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