रायपुर। CG assembly session: छत्तीसगढ़ विधानसभा के मानसून सत्र के तीसरे दिन विपक्ष और सत्ता पक्ष के बीच तीखी नोकझोंक देखने को मिली। नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरण दास महंत ने प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) और मनरेगा से जुड़ी योजनाओं के क्रियान्वयन में अनियमितताओं को लेकर सरकार पर तीखा हमला बोला, जिससे सदन में काफी देर तक हंगामे की स्थिति बनी रही।
CG assembly session: नेता प्रतिपक्ष ने प्रश्नकाल के दौरान प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत निर्माण की प्रगति, शौचालय निर्माण की स्थिति और किस्त भुगतान की पारदर्शिता पर सवाल उठाते हुए कहा कि कहीं-कहीं बिना शौचालय निर्माण के ही मकान पूरे मान लिए गए हैं। इस पर उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा ने सरकार का पक्ष रखते हुए बताया कि योजना की तीसरी किस्त ‘लेंटल लेवल’ पर जारी की जाती है और 90 दिनों के भीतर भुगतान कर दिया जाता है। उन्होंने पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार पर योजनाओं में लापरवाही बरतने का आरोप भी लगाया।
CG assembly session: चरण दास महंत ने आगे दिव्यांग और अल्पसंख्यकों के लिए तय लाभार्थी प्रतिशत की जानकारी मांगी। जवाब में उपमुख्यमंत्री ने बताया कि 5% दिव्यांगों और 14% अल्पसंख्यकों को प्राथमिकता के साथ लाभ दिया जा रहा है।विपक्ष के तेवर उस समय और तीखे हो गए जब महंत ने आरोप लगाया कि कुछ जिलों में पीएम आवास योजना में पैसों के लेन-देन की शिकायतें हैं और उन्होंने पूछा कि क्या ऐसे जिलों के कलेक्टरों को निलंबित किया जाएगा। इस पर विजय शर्मा ने पलटवार करते हुए कहा कि वर्तमान सरकार में “सुशासन और सुदर्शन दोनों हैं”, और किसी के पास ठोस जानकारी हो तो जांच जरूर कराई जाएगी।
CG assembly session: इसके बाद महंत ने मनरेगा भुगतान में देरी का मुद्दा उठाया और आरोप लगाया कि जशपुर और बीजापुर जैसे जिलों में काम होने के बावजूद पर्याप्त भुगतान नहीं किया गया। उपमुख्यमंत्री ने इस पर सफाई देते हुए कहा कि 30 जून तक मजदूरी भुगतान कर दिया गया है और किसी भी अपुष्ट सूची की जांच की जाएगी।
CG assembly session: हालात तब और बिगड़ गए जब उपमुख्यमंत्री ने कांग्रेस शासनकाल में योजनाओं की असफलताओं का हवाला देते हुए कहा कि “इनके शासन में तो खुद लाभार्थियों ने आवास लेने से इनकार किया था।” इस बयान से कांग्रेस विधायक भड़क गए और सदन में जमकर नारेबाजी होने लगी। अध्यक्ष को हस्तक्षेप कर शांति बनाए रखनी पड़ी।

