बिलासपुर। CG highcourt: संविदा पर काम करने वाली महिला कर्मचारियों को मातृत्व अवकाश के दौरान वेतन से वंचित नहीं किया जा सकता। हाईकोर्ट ने यह अहम फैसला स्टाफ नर्स राखी वर्मा की याचिका पर सुनाया है, जो जिला अस्पताल कबीरधाम में संविदा पर कार्यरत हैं।

CG highcourt:  याचिकाकर्ता ने 16 जनवरी 2024 से 16 जुलाई 2024 तक मातृत्व अवकाश के लिए आवेदन किया था। उन्होंने 21 जनवरी को बच्ची को जन्म दिया और 14 जुलाई को पुनः ड्यूटी ज्वाइन कर ली, लेकिन उन्हें अवकाश अवधि का वेतन नहीं मिला। कोर्ट ने कहा कि मातृत्व का अधिकार संविधान के अनुच्छेद 21 में जीवन के अधिकार के अंतर्गत आता है और यह केवल स्थायी कर्मचारियों तक सीमित नहीं है।

CG highcourt: मातृत्व की गरिमा की रक्षा करना शासन का दायित्व है। सुप्रीम कोर्ट के निर्णयों का हवाला देते हुए कोर्ट ने छत्तीसगढ़ सिविल सेवा अवकाश नियम, 2010 के नियम 38 और अन्य निर्देशों के अनुसार राज्य शासन को तीन माह के भीतर उपयुक्त निर्णय लेने का आदेश दिया।

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