रायपुर। CG liquor scam: छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित शराब घोटाले में आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो (EOW) ने गुरुवार को निर्णायक कदम उठाते हुए रिटायर्ड IAS अधिकारी और पूर्व आबकारी आयुक्त निरंजन दास को हिरासत में ले लिया। उन पर आरोप है कि उन्होंने इस घोटाले की पूरी रूपरेखा तैयार की और उसे अमल में लाने में अहम भूमिका निभाई।
CG liquor scam: आरोप है कि निरंजन दास ने तत्कालीन वरिष्ठ अधिकारियों और कारोबारियों के साथ मिलकर सरकारी शराब दुकानों से लेकर डिस्टिलरी तक कमीशनखोरी और अवैध आपूर्ति का नेटवर्क खड़ा किया। नोएडा की एक प्राइवेट कंपनी को फर्जी टेंडर दिलाकर डुप्लीकेट होलोग्राम छपवाए गए, जिससे शराब की अवैध बिक्री को वैध ठहराया गया। केवल इस गड़बड़ी से राज्य को लगभग 1200 करोड़ रुपये का नुकसान होने का अनुमान है। EOW की जांच में यह भी सामने आया है कि छत्तीसगढ़ का मॉडल झारखंड में भी लागू किया गया।
CG liquor scam: इस मामले में अब तक ED, STF, ACB और झारखंड एसीबी जैसी कई एजेंसियां सक्रिय रही हैं। करोड़ों की संपत्ति जब्त हो चुकी है और अलग-अलग राज्यों में केस दर्ज किए गए हैं। जुलाई 2025 में पेश किए गए 5000 पन्नों के चालान में आबकारी विभाग के दर्जनों अधिकारियों की भूमिका सामने आ चुकी है। निरंजन दास की कई बार की जमानत याचिकाएं पहले ही खारिज हो चुकी थीं। अब EOW ने उन्हें रिमांड पर लिया है। माना जा रहा है कि पूछताछ में और बड़े नामों का खुलासा हो सकता है और घोटाले का दायरा और बढ़ सकता है।

