रायपुर। CGPSC recruitment scam:   छत्तीसगढ़ पीएससी (CGPSC) घोटाले में CBI ने शुक्रवार को पूर्व परीक्षा नियंत्रक आरती वासनिक समेत पांच लोगों को गिरफ्तार किया है। इस घोटाले में करीब आधा दर्जन आरोपी पहले से ही जेल में है।सीबीआई ने जिन पांच आरोपियों को गिरफ्तार किया है, उनमें तत्कालीन सचिव जीवन किशोर ध्रुव, तत्कालीन परीक्षा नियंत्रक आरती वासनिक, डिप्टी कलेक्टर और सचिव के बेटे सुमित ध्रुव, तत्कालीन चेयरमैन के भाई की बहू मिषा कोसले और जिला आबकारी अधिकारी दीपा आदिल के नाम शामिल है।

CGPSC recruitment scam:  सीबीआई का कहना है कि ये सभी सीधे तौर पर गड़बड़ी और साजिश में शामिल थे। सीबीआई ने बताया कि यह केस जुलाई 2024 में छत्तीसगढ़ सरकार की सिफारिश पर दर्ज किया गया था। जांच में सामने आया कि तत्कालीन चेयरमैन, सचिव और अन्य अफसरों ने भर्ती प्रक्रिया में हेरफेर किया। अपने बेटे-बेटियों और रिश्तेदारों को पास कराने के लिए पूरे सिस्टम को प्रभावित किया गया। CGPSC 2021 की परीक्षा में लगभग 1.29 लाख उम्मीदवार शामिल हुए थे। इनमें से 2548 उम्मीदवार प्री परीक्षा पास कर पाए। फिर 509 उम्मीदवार मुख्य परीक्षा में सफल हुए और इंटरव्यू के लिए बुलाए गए और अंत में 170 उम्मीदवारों का चयन हुआ था।

CGPSC recruitment scam:  हाल ही में बिलासपुर हाईकोर्ट ने निर्दोष अभ्यर्थियों को राहत देते हुए आदेश दिया था कि जिनके नाम चार्जशीट में नहीं हैं और जिन पर कोई आपत्ति नहीं मिली है, उन्हें दो माह के भीतर नियुक्ति पत्र दिया जाए। कोर्ट ने यह भी निर्देश दिए कि वैधता अवधि के भीतर सभी नियुक्तियां पूरी कर ली जाएं।आपको बता दें CGPSC ने 26 नवंबर 2021 को 171 पदों के लिए विज्ञापन जारी किया था। इसमें डिप्टी कलेक्टर, डीएसपी, नायब तहसीलदार, जेल अधीक्षक और लेखाधिकारी जैसे अहम पद शामिल थे। 11 मई 2023 को परीक्षा परिणाम घोषित हुआ था। लेकिन गड़बड़ी के आरोपों के कारण चयनित अभ्यर्थियों की नियुक्तियों पर रोक लगा दी गई।

CGPSC recruitment scam:  साल 2020 से 2022 के बीच हुई परीक्षाओं में तत्कालीन चेयरमैन टामन सिंह सोनवानी के रिश्तेदारों और कुछ VIP लोगों के करीबियों के चयन पर सवाल खड़े हुए। इसके आधार पर सीबीआई ने केस दर्ज कर जांच शुरू की। सोनवानी और उद्योगपति श्रवण कुमार गोयल को पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका है।2019 से 2022 तक की भर्ती को लेकर विवाद बरकरार है। ईओडब्ल्यू और अर्जुंदा पुलिस ने भ्रष्टाचार और अनियमितता के आरोपों में केस दर्ज किया है। कोर्ट में दायर याचिकाओं के मुताबिक, 60 से ज्यादा अभ्यर्थी अभी भी नियुक्ति से वंचित हैं।

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