बिलासपुर। CGPSC SCAM : छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग में हुए भर्ती घोटाले में हाईकोर्ट ने जेल में बंद परीक्षा नियंत्रक सहित तीन आरोपियों की ज़मानत याचिका को खारिज कर दिया है। अदालत ने कहा कि इस कांड ने पीएससी जैसी प्रतिष्ठित संस्था की साख को धूमिल कर दिया है।
CGPSC SCAM : न्यायमूर्ति बी.डी. गुरु की अदालत ने सुनवाई के दौरान कहा कि प्रतियोगी परीक्षाओं के प्रश्नपत्र लीक करना लाखों युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ है, और यह अपराध हत्या से भी ज़्यादा गंभीर माना जाना चाहिए। अदालत ने टिप्पणी करते हुए कहा कि इस कांड ने पीएससी जैसी प्रतिष्ठित संस्था की साख को धूमिल कर दिया है। आरोपी वही लोग हैं जिन्हें सिस्टम की रक्षा करनी थी, लेकिन उन्होंने ही उसे नुकसान पहुंचाया। इसी टिप्पणी के साथ कोर्ट ने परीक्षा नियंत्रक और दो अन्य आरोपियों की ज़मानत याचिका खारिज कर दी।
CGPSC SCAM : सीजी पीएससी की इस परीक्षा में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी का आरोप है। पूर्व मंत्री ननकीराम कंवर ने इस मामले में हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर कर बताया कि अधिकारियों और कांग्रेस नेताओं के रिश्तेदारों को गलत तरीके से चयनित कर डिप्टी कलेक्टर जैसे पद दिए गए। हाईकोर्ट ने इस पर संज्ञान लेते हुए कहा कि एक साथ इतने रिश्तेदारों का चयन महज संयोग नहीं हो सकता। इसके बाद कोर्ट ने मामले की जांच के आदेश दिए। हाईकोर्ट के आदेश के बाद जब राज्य में सत्ता बदली, तो एंटी करप्शन ब्यूरो और आर्थिक अपराध अन्वेषण शाखा ने मामले में अलग-अलग एफआईआर दर्ज की। बाद में यह केस सीबीआई को सौंप दिया गया।
CGPSC SCAM : सीबीआई जांच में सामने आया कि उस समय के पीएससी चेयरमैन टामन सिंह सोनवानी के इशारे पर बड़े पैमाने पर प्रश्नपत्र लीक किए गए। आरोप है कि उन्होंने अपने दो भतीजों नितेश सोनवानी और साहिल सोनवानी को प्रश्नपत्र दिलवाए। इसके बाद परीक्षा नियंत्रक ललित गनवीर ने ये पेपर बजरंग पावर एंड स्टील के डायरेक्टर श्रवण गोयल को पहुंचाए, जिन्होंने यह पेपर अपने बेटे शशांक गोयल और बहू भूमिका कटियार को दिए। इन्हीं प्रश्न पत्रों के आधार पर इन सभी को डिप्टी कलेक्टर और डीएसपी जैसे महत्वपूर्ण पद मिले।
CGPSC SCAM : अध्यक्ष टोमन सिंह सोनवानी, उनके भतीजे और परीक्षा नियंत्रक ने ज़मानत के लिए हाईकोर्ट में याचिका लगाई। वकीलों ने तर्क दिया कि भतीजा ‘परिवार’ की परिभाषा में नहीं आता, इसलिए ‘रिश्तेदार को लाभ’ का आरोप गलत है। लेकिन कोर्ट ने यह तर्क मानने से इनकार कर दिया। सीजी पीएससी 2021 की भर्ती परीक्षा 171 पदों के लिए हुई थी। 13 फरवरी 2022 को प्री परीक्षा आयोजित हुई, जिसमें 2565 उम्मीदवार मेंस के लिए हुए। इसके बाद मई 2022 में मेंस परीक्षा हुई, जिसमें 509 सफल हुए। फिर इंटरव्यू के बाद 11 मई 2023 को 170 उम्मीदवारों की चयन सूची जारी की गई थी। इस पूरी प्रक्रिया की जांच में भ्रष्टाचार का बड़ा मामला सामने आया है, जिसमें कई बड़े अधिकारी, रिश्तेदार और उद्योगपति शामिल हैं।

