बिलासपुर। Chhattisgarh high court: जांजगीर-चांपा जिले के भैंसतरा गांव में तालाब में डूबकर चार मासूम बच्चों की मौत हो गई थी। इस मामले में छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने स्वतः संज्ञान लेते हुए राज्य सरकार से जवाब तलब किया है।
Chhattisgarh high court: मुख्य न्यायाधीश रमेश कुमार सिन्हा और न्यायमूर्ति विभु दत्त गुरु की डबल बेंच ने मामले को जनहित याचिका के रूप में दर्ज करते हुए राज्य के मुख्य सचिव को व्यक्तिगत शपथपत्र के माध्यम से जवाब देने का निर्देश दिया है। अगली सुनवाई 29 जुलाई को होगी। यह हादसा 12 जुलाई को जांजगीर-चांपा जिले के बलोदा थाना क्षेत्र के भैंसतरा गांव में हुआ थे, जहां स्कूल से लौटने के बाद तालाब में नहाने गए चार बच्चों की डूबने से मौत हो गई। मृत बच्चों की पहचान पुष्पांजलि श्रीवास (8 वर्ष), तुषार श्रीवास (5 वर्ष), ख्याति केंवट (6 वर्ष) और अंबिका यादव (6 वर्ष) के रूप में हुई है।
Chhattisgarh high court: चारों बच्चे दोपहर में स्कूल से लौटने के बाद भोजन कर खेलने के लिए बाहर निकले थे। इस दौरान वे गांव के एक तालाब में नहाने चले गए, जहां गहराई का अंदाजा न लगने के कारण सभी डूब गए। खोजबीन के दौरान तालाब किनारे बच्चों के कपड़े मिले जिसके बाद तालाब में खोजबीन हुई, जहां चारों बच्चों कि लाशें मिली। ग्रामीणों की मदद से सभी को बाहर निकाला गया और बलौदा स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया, जहां उन्हें मृत घोषित कर दिया गया। इस मामले कि सुनवाई के दौरान मुख्य न्यायाधीश ने बच्चों की सुरक्षा को लेकर चिंता व्यक्त करते हुए कहा, “कितनी गलत बात है कि स्कूल से लौटते वक्त चार बच्चे पानी में डूब जाते हैं। यह केवल परिवार की नहीं, सरकार की भी जिम्मेदारी है।”
Chhattisgarh high court: हाईकोर्ट ने इस मामले के अलावा कांकेर जिले की एक घटना पर भी संज्ञान लिया, जहां स्कूली बच्चों को जान जोखिम में डालकर नाला पार कर स्कूल जाने की मजबूरी का मामला मीडिया में आया था। हाईकोर्ट ने कहा कि यह मामला सार्वजनिक सुरक्षा, बच्चों के जीवन और शिक्षा से जुड़ा हुआ है, जिसमें सरकार की लापरवाही स्पष्ट झलकती है।

