fourthline cultural: देशभर में आज दिवाली का पर्व श्रद्धा और उत्साह के साथ मनाया जा रहा है। ज्योतिषियों और पंडितों की गणना के अनुसार, इस वर्ष दिवाली का त्योहार कार्तिक मास की कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि पर मनाया जा रहा है। इस दिन प्रदोष काल और निशीथ काल में मां लक्ष्मी और भगवान गणेश की पूजा का विशेष महत्व बताया गया है। परंपरा के अनुसार, लक्ष्मी पूजन से पहले गणेश जी की आराधना की जाती है।

लक्ष्मी-गणेश पूजा का शुभ मुहूर्त

fourthline cultural:  आज लक्ष्मी-गणेश पूजा का सर्वोत्तम मुहूर्त रात 7 बजकर 08 मिनट से लेकर रात 8 बजकर 18 मिनट तक रहेगा। यह मुहूर्त कुल 1 घंटे 11 मिनट का होगा। इस दौरान श्रद्धालु विधिवत पूजा-अर्चना कर मां लक्ष्मी से सुख, समृद्धि और वैभव की कामना करेंगे। इसके अतिरिक्त, प्रदोष काल में दीप प्रज्वलन का मुहूर्त शाम 5 बजकर 46 मिनट से रात 8 बजकर 18 मिनट तक रहेगा। वहीं, वृषभ काल रात 7 बजकर 08 मिनट से 9 बजकर 03 मिनट तक चलेगा, जिसे पूजा के लिए अत्यंत शुभ माना जाता है।

महानिशीथ काल का महत्व

fourthline cultural:   दिवाली की पूजा के लिए महानिशीथ काल भी शुभ समय माना गया है। यह मुहूर्त रात 11 बजकर 36 मिनट से लेकर 21 अक्टूबर की मध्यरात्रि 12 बजकर 27 मिनट तक रहेगा। इस काल में मां लक्ष्मी और भगवान कुबेर की विशेष पूजा करने से वर्षभर घर में सुख-समृद्धि और धन की वृद्धि होती है।

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