कांकेर। Gross negligence of school: बस्तर के कांकेर जिले से स्कूल प्रबंधन की लापरवाही का मामला सामने आया है। जिले के आत्मानंद प्राथमिक शाला, हरनगढ़ में सोमवार को पहली कक्षा की एक छात्रा कक्षा में ही रह गई और निरीक्षण किए बिना ही कक्षा में तला लगा दिया गया। शिक्षकों और चपरासी की इस गंभीर लापरवाही के चलते बच्ची घंटों तक तक क्लासरूम में कैद रही। परिजनों के शोर और बच्ची की रोने की आवाज सुनकर जब स्कूल का ताला खोला गया, तब जाकर मासूम को बाहर निकाला गया।
Gross negligence of school: मिली जानकारी के मुताबिक, ग्राम पीवी-8 निवासी छात्रा रोजाना बस से स्कूल आती-जाती थी। सोमवार को भी वह रोज की तरह स्कूल गई थी। दोपहर में जब स्कूल की छुट्टी हुई तो सभी बच्चे अपने-अपने घर चले गए, लेकिन छात्रा कक्षा में ही सो गई। शिक्षकों और चपरासी को इस बात का बिल्कुल भी ध्यान नहीं रहा। बिना जांचे-परखे उन्होंने स्कूल की सभी कक्षाओं में ताला लगा दिया और छुट्टी के बाद विद्यालय परिसर को बंद कर दिया। छात्रा जब शाम तक घर नहीं पहुंची, तो परिजनों की चिंता बढ़ गई। उन्होंने तुरंत स्कूल प्रबंधन और आसपास के लोगों से पूछताछ शुरू की, लेकिन किसी को कुछ पता नहीं था। इसी बीच परिजन स्कूल पहुंचे और देखा कि स्कूल परिसर में सन्नाटा पसरा है। तभी स्कूल भवन के अंदर से रोने की आवाज सुनाई दी। आवाज सुनकर परिजनों ने शोर मचाया और ग्रामीण भी मौके पर एकत्र हो गए। सूचना मिलते ही स्कूल की शिक्षिका और चपरासी पहुंचे। उन्होंने तुरंत ताला खोलकर बच्ची को बाहर निकाला। इस दौरान बच्ची डर के कारण लगातार रो रही थी और काफी घबराई हुई थी।
प्रबंधन की लापरवाही से ग्रामीण गुस्से में
Gross negligence of school: ग्रामीणों और परिजनों ने इस लापरवाही पर भारी नाराजगी जताई। उनका कहना था कि यदि बच्ची बेहोश हो जाती या कोई अनहोनी हो जाती, तो उसकी जिम्मेदारी पूरी तरह से स्कूल प्रशासन और शिक्षकों की होती। ग्रामीणों ने कहा कि छुट्टी के समय कक्षाओं की जांच किए बिना ताला लगाना अत्यंत गैरजिम्मेदाराना रवैया है। प्रधानपाठिका दिक्षिका साहू ने बताया कि उन्हें जैसे ही इस घटना की जानकारी मिली, उन्होंने तुरंत चपरासी को फोन कर ताला खुलवाया और बच्ची को सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया। उन्होंने कहा कि यह घटना बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है और भविष्य में इस तरह की लापरवाही न हो, इसके लिए सभी शिक्षकों को स्पष्ट निर्देश दिए जा रहे हैं।
प्राचार्य ने मांगी माफी, होगी जांच
Gross negligence of school: सूचना मिलने के बाद स्कूल के प्राचार्य मौके पर पहुंचे और उन्होंने बच्ची के परिजनों से माफी मांगी। उन्होंने कहा कि यह घटना शिक्षकों और चपरासी की गंभीर चूक का परिणाम है और इसकी जांच कर जिम्मेदारों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। शिक्षा विभाग के अधिकारियों को भी इस घटना की सूचना भेज दी गई है। विभाग ने प्राथमिक तौर पर इसे लापरवाही का गंभीर मामला माना है और कहा है कि दोषियों पर अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी। ग्रामीणों का कहना है कि यह पहली बार नहीं है जब स्कूल में शिक्षकों की लापरवाही सामने आई हो। उन्होंने चेतावनी दी है कि अगर भविष्य में इस तरह की घटना दोहराई गई, तो वे स्कूल प्रबंधन के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करेंगे।


		
	







