रायपुर। GST Raid : छत्तीसगढ़ में स्टेट जीएसटी विभाग ने कर चोरी के खिलाफ कार्रवाई करते हुए बिलासपुर, कोरबा, दुर्ग, रायगढ़ और जगदलपुर सहित विभिन्न जिलों में 25 से अधिक व्यापारिक प्रतिष्ठानों पर एक साथ छापेमारी की। इस कार्रवाई में गुटखा, जूता, कपड़ा, कॉरपोरेट, ड्रायफ्रूट और ट्रांसपोर्ट सेक्टर की फर्मों को निशाना बनाया गया। जांच में बोगस बिलिंग, कच्चे लेन-देन और भारी टैक्स चोरी के सबूत मिले, जिसके आधार पर दोषी फर्मों पर 10 करोड़ रुपये तक की पेनाल्टी प्रस्तावित की गई है।
GST Raid : जीएसटी विभाग की विशेष इंटेलिजेंस और इन्फोर्समेंट टीमों ने इन छापों के दौरान कई गंभीर अनियमितताएं पकड़ीं। कई फर्मों में न तो लेखा पुस्तकें मिलीं और न ही टैली जैसे वैध सॉफ्टवेयर का उपयोग हो रहा था। जब्त दस्तावेजों से पता चला कि 2017-18 से 2024-25 तक इन फर्मों ने करोड़ों रुपये का कारोबार किया, लेकिन टैक्स का भुगतान नगण्य या शून्य रहा। ई-वे बिल जांच में खुलासा हुआ कि माल की बिक्री आम उपभोक्ताओं को की गई, लेकिन बिल अन्य व्यवसायियों के नाम पर काटकर फर्जी इनपुट टैक्स क्रेडिट (आईटीसी) का दावा किया गया। इन फर्मों का रिस्क स्कोर केंद्र सरकार के जीएसटी पोर्टल पर पहले से ही उच्च स्तर पर था, जिसके आधार पर यह कार्रवाई की गई।
ड्रायफ्रूट और ट्रांसपोर्ट सेक्टर भी जांच के दायरे में
GST Raid : जीएसटी टीम ने दो थोक ड्रायफ्रूट व्यापारियों के गोदामों और दुकानों पर भी छापा मारा। यहां से कंप्यूटर, लैपटॉप, हिसाब-किताब की डायरी, बिक्री बिल, वाउचर और डिजिटल डेटा जब्त किए गए। इन व्यापारियों के खिलाफ लंबे समय से टैक्स चोरी की शिकायतें मिल रही थीं। इसके अलावा, ट्रांसपोर्ट सेक्टर की कुछ फर्मों में भी बोगस इनवॉइस और कच्चे लेन-देन के सबूत मिले। जांच में पाया गया कि कई ट्रांसपोर्टर बिना वैध ई-वे बिल के माल परिवहन कर रहे थे, जिससे बड़े पैमाने पर टैक्स चोरी हो रही थी।

