• पूर्व विधानसभा अध्यक्ष राजेंद्र प्रसाद शुक्ला समेत कइयों की जान लेने का आरोप
बिलासपुर। He! Fake doctor: मध्य प्रदेश के दमोह स्थित मिशन अस्पताल में सात मरीजों की जान से खेलने मौत के मामले में आरोपी फर्जी हृदय रोग विशेषज्ञ नरेंद्र यादव उर्फ एन जॉन केम को दमोह से बिलासपुर पुलिस रिमांड पर लेकर आ गई। यहां उस पर पूर्व विधानसभा अध्यक्ष राजेन्द्र प्रसाद शुक्ला की मौत के मामले में एफआईआर दर्ज है।
He! Fake doctor: दमोह के मिशन अस्पताल में आरोपी डॉक्टर एम जान केम के कथित इलाज के बाद सात लोगों की मौत का मामला सामने आने के बाद वहां की पुलिस ने इसे गिरफ्तार किया था। बिलासपुर के अपोलो हॉस्पिटल में भी काफी समय तक यह डाक्टर था। दमोह में इसकी डिग्री फर्जी होने तथा एक प्रैक्टिशनर के रूप में कहीं पंजीयन नहीं होने के बाद इसके फर्जी होने का भेद खुला। इसने अपोलो हॉस्पिटल बिलासपुर में काम करते हुए पूर्व विधानसभा अध्यक्ष राजेन्द्र प्रसाद शुक्ला का भी इलाज किया था। उनकी मौत के मामले में बिलासपुर में मामला दर्ज किया गया था।
He! Fake doctor: दमोह में मिशन अस्पताल में इस डाक्टर के इलाज से सात लोगों की मौत के मामले में दमोह पुलिस ने कल गुरुवार को वहां के न्यायालय में पेश किया। इस दौरान छत्तीसगढ़ पुलिस ने बिलासपुर के मामले में रिमांड की मांग की, जिसे मंजूर कर कोर्ट ने आरोपी को चार दिन की रिमांड पर सौंप दिया। बिलासपुर के अपोलो हास्पिटल में भी इसके इलाज से हुई मौतों के मामले में डॉक्टर नरेंद्र जॉन केन आरोपी है। बिलासपुर के सरकंडा थाने मामला दर्ज है।
सबसे बड़ा प्रश्नचिन्ह
He! Fake doctor: एक हृदय रोगी विशेषज्ञ के फर्जी होने और निजी अस्पतालों में लोगों की जान से खिलवाड़ करने के इस मामले से चिकित्सा व्यवस्था पर सबसे बड़ा प्रश्नचिन्ह खड़ा कर दिया है। अपोलो जैसा चिकित्सा संस्थान भी ऐसे फर्जी डाक्टर को नहीं पहचान सका। आखिर कोई कैसे विश्वास करेगा कि जो विशेषज्ञ डाक्टर हृदय का आपरेशन कर रहा है वह विशेषज्ञ भी है या फर्जी है। भारतीय चिकित्सा परिषद (MCI) को इस पर विचार करना होगा। यदि इस मामले में अस्पतालों की ओर से बरती गई लापरवाही का मामला बनता है तो एक फर्जी डाक्टर के मरीजों की जान से खेलने का मामला इन अस्पतालों के खिलाफ भी चलाना चाहिए ताकि आगे कोई अस्पताल या फर्जी डाक्टर लोगों की जान से इस तरह खेलने का दुस्साहस न कर सके।

