रांची/नई दिल्ली। Jharkhand crisis: झारखंड में कांग्रेस गठबंधन वाली चंपई सोरेन सरकार की मुसीबत कम नहीं हो रही है। चंपई सोरेन सरकार के कैबिनेट विस्तार होते ही कांग्रेस विधायकों की नाराजगी से प्रदेश की सियासत गरमा गई है, चंपई सोरेन सरकार में मंत्री पद को लेकर झारखंड कांग्रेस में मतभेद उभर कर सामने आ रहे हैं।

Jharkhand crisis: इस बीच छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का झारखंड दौरा रद्द हो गया है। वो शनिवार दोपहर 2 बजे की फ्लाइट से झारखंड जाने वाले थे, उन्हें वहां नाराज नेताओं को मनाने की जिम्मेदारी दी गई थी। आनन-फानन में तय हुआ यह दौरा पौना घंटा पहले कैंसिल कर दिया गया।

Jharkhand crisis: दरअसल, झारखंड के नेताओं को शनिवार शाम दिल्ली बुलाया गया है। इस बीच कांग्रेस विधायक शिल्पी नेहा तिर्की ने अपनी नारजगी दिखाते हुए कहा कि कांग्रेस कोटे के मंत्री ने लंबे समय तक काम नहीं किया. इससे जनता नाराज है। नेहा तिर्की ने कहा कि मंत्रिमंडल में फेरबदल होना चाहिए। हमलोगों ने अपनी भावनाओं को लेकर आलाकमान को अवगत करा दिया है। उन्होंने कहा कि जो आश्वासन दिया गया था, उसे पूरा किया जाए।

Jharkhand crisis: वहीं, झारखंड में चंपई सोरेन के मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर कांग्रेस विधायक अनूप सिंह ने कहा है कि पत्र के जरिए हमने अपनी चिंता पीसीसी अध्यक्ष राजेश ठाकुर के साथ साझा की है। समाचार एजेंसी से बातचीत के दौरान उन्होंने कहा कि शपथग्रहण समारोह में शामिल होने का ये मतलब कतई नहीं है कि हम अपनी मांगों को भूल गए हैं। हमारी मांगे बरकरार हैं और पार्टी को अपनी परेशानी से अवगत कराने की कोशिश कर रहे हैं।

Jharkhand crisis: जेएमएम विधायक भी नाराज

उधर, जेएमएम विधायक बैद्यनाथ राम भी मंत्रिमंडल में जगह न मिलने से नाराज हैं। उन्होंने बताया-मुख्यमंत्री ने घर पर बुलाया और कहा कि कांग्रेस का बहुत दबाव है. ऐन वक्त पर कांग्रेस के दबाव के चलते मुझे मंत्रिमंडल में शामिल नहीं किया गया। मेरा नाम राजभवन गया था। उन्होंनें कहा कि मेरा अपमान हुआ है. मैं जल्द ही कोई बड़ा फैसला ले सकता हूं, जो चैंकाने वाला होगा।

Jharkhand crisis: झारखंड विधानसभा का गणित

झारखंड विधानसभा में गठबंधन दलों के पास 47 विधायक हैं। जेएमएम के 29, कांग्रेस के 17 और आरजेडी का 1 विधायक है। वहीं, बीजेपी के 26 और आजसू पार्टी के तीन विधायक हैं. दो निर्दलीय विधायकों के अलावा राकांपा और सीपीआई (एमएल) के एक-एक विधायक हैं। अगर इनमें से कुछ विधायक पाला बदल लेते हैं तो गठबंधन सरकार गिर सकती है।

Previous articleRAMLALA DARSHAN: सीएम विष्णुदेव साय अगले माह रामलला का दर्शन करने मंत्रियों के साथ अयोध्या जाएंगे
Next articleकमलनाथ बेटे नकुलनाथ के साथ भाजपा में हो सकते हैं शामिल, दोनों दिल्ली पहुंचे 

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here