बिलासपुर। Massive anger over power cuts: जिले में बिजली आपूर्ति लचर व्यवस्था के प्रति लोगों का गुस्सा बढ़ता ही जा रहा है। भीषण गर्मी के इस मौसम में बिजली की आंख मिचौली का खेल सुबह से लेकर शाम तक चल रहा है। ऐसे में शहर की जनता बिजली कंपनी के अधिकारियों की उदासीनता और लापरवाही से त्राहि त्राहि कर रही है। पिछले दिनों शहर में आंधी-तूफान के बाद बिजली व्यवस्था अब तक ठीक नहीं हो पाई है।
Massive anger over power cuts: शहर के वॉर्ड क्रमांक 3 साईं नगर उसलापुर अमेरी के इलाकों को बिजली की चरमराई व्यवस्था की वजह से वॉर्डवासी भारी मुश्किलों का सामना कर रहे हैं। बार बार जानकारी देने के बाद भी स्थिति नहीं सुधर रही है। आज वॉर्ड पार्षद किरण टंडन के प्रतिनिधि राजेंद्र टंडन के नेतृत्व में बड़ी संख्या में वार्डवासियों ने सकरी बिजली ऑफिस का घेराव किया । पार्षद प्रतिनिधि राजेंद्र टंडन ने कहा कि सुबह से लेकर शाम तक बिजली विभाग की अघोषित कटौती हो रही है।
Massive anger over power cuts: आज वार्डवासी बड़ी संख्या ने सकरी बिजली ऑफिस के अधिकारियों का घेराव करने पहुंचे। इसकी जानकारी अधिकारियों को पहले से थी , लेकिन उनकी सुनने के लिए कोई अधिकारी मौजूद नहीं था। लोगों ने अपना विरोध प्रदर्शित करते हुए आफिस में मौजूद एक चतुर्थ श्रेणी महिला कर्मी को अपना ज्ञापन दिया और उसे अधिकारियों के समक्ष प्रस्तुत करने का आग्रह करके लौट गए। इससे बिजली अधिकारी – कर्मचारियों की मनमानी का भी पता चलता है। लोगों ने बिजली आपूर्ति व्यवस्था को दुरुस्त नहीं होने पर उग्र प्रदर्शन आयोजित करने की चेतावनी भी दी है।
सारे दावे झूठे
Massive anger over power cuts: बिजली कंपनी के अधिकारी समय – समय पर मेंटेनेंस पर लाखों करोड़ों रूपए करूं कर आपूर्ति व्यवस्था सुधारने का दावा करते हैं पर इसकी सच्चाई कुछ और ही है। उनके सारे दावे खोखले ही नहीं बल्कि झूठे नजर आ रहे हैं। गोकुलधाम- घुरू सब स्टेशन में उसलापुर फीडर का एबी स्विच विगत 1 साल से खराब है। इस अकेले स्विच के कारण उसलापुर की बिजली को बंद करने के लिए मेन लाइन बंद करनी पड़ रहा है। इसका मतलब एक ओर की बिजली बंद करने के लिए एक बड़े क्षेत्र की बिजली भी बंद हो रही है पर अधिकारियों को इस स्विच को ठीक करने का एक साल में भी समय नहीं मिला, जिसके कारण इंदु गार्डन फीडर भी बंद होता है। समस्या उस्लापुर फीडर एरिया मे होती है, भोगना इंदु गार्डन फीडर एरिया वालों को पड़ता है। आलम ये है कि उपभोक्ताओं की समस्या से बिजली अधिकारियों को ऐसा लगता है कोई लेना – देना नहीं है।

