नई दिल्ली Medicines failed in Quality check: देशभर में गंभीर बीमारियों से जूझ रहे मरीजों के लिए बड़ी चिंता की खबर है। केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (CDSCO) की ओर से जारी ड्रग क्वालिटी अलर्ट में 143 दवाएं गुणवत्ता पर खरी नहीं उतरी हैं। इनमें दिल और कैंसर के मरीजों को दी जाने वाली जीवनरक्षक दवाएं भी शामिल हैं। हिमाचल प्रदेश में बन रही सबसे ज्यादा 61 दवाएं असफल पाई गईं हैं।
Medicines failed in Quality check : CDSCO ने न केवल खराब गुणवत्ता, बल्कि 8 नकली दवाओं को भी चिन्हित किया है, जिन्हें असली कंपनियों के नाम पर तैयार किया जा रहा था। स्वास्थ्य विशेषज्ञों का मानना है कि यह मामला “नेशनल हेल्थ सिक्योरिटी” के लिए खतरे की घंटी है।उत्तराखंड की सर्व फार्मास्यूटिकल कंपनी की मीटोप्रोलोल ससिनेट और एम्लोडिपाइन बेसिलेट (दिल की धड़कन और बीपी कंट्रोल के लिए) का बैच नंबर 77BG06 फेल।
स्काई मैप फार्मास्यूटिकल की पायोग्लीटाजोन हाइड्रोक्लोराइड (टाइप-2 डायबिटीज के लिए) और अटेनोआन (दिल व बीपी कंट्रोल) के बैच फेल पाए गए। इसी तरह यूनाइटेड बायोस्यूटिकल्स, उत्तराखंड की डेक्सामिथासोन (अस्थमा, सूजन और कैंसर ट्रीटमेंट) का बैच गुणवत्ता जांच में असफल रहा।हिमाचल की मार्टिन एंड ब्राउन बायो साइंसेज की एमिनोफिलाइन इंजेक्शन (अस्थमा व सांस की दिक्कत) में मिट्टी और धूल के कण मिले।
इन राज्यों की दवाएं फेल
हिमाचल प्रदेश – 61, उत्तराखंड – 24, गुजरात – 10, हरियाणा – 8, मध्यप्रदेश – 8, पंजाब – 5, तेलंगाना – 4, कोलकाता – 3, जम्मू-कश्मीर – 3, तमिलनाडु – 2, राजस्थान – 2, उत्तर प्रदेश – 2, बिहार – 1,
गोवा – 1।
इनके साथ ही उर्सोडिआक्सीकोलिक एसिड,
नारएपिनेफ्रिन बिटारटेट इंजेक्शन, अट्रोपाइन सल्फेट इंजेक्शन,क्लोपिरास 75 टैबलेट, माइग्रेनएप-डी, पैरोक्सेटीन हाइड्रोक्लोराइड
हेपारिन इंजेक्शन बनाने वाली कंपनियों को भी चेतावनी जारी की गई है।
Medicines failed in Quality check : CDSCO और राज्य नियामक एजेंसियां इन दवाओं को बाजार से हटाने में जुट गई हैं। स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि यह चेतावनी सामान्य लोगों से ज्यादा दिल, कैंसर, अस्थमा और डायबटीज जैसे गंभीर रोगियों के लिए अलर्ट है, क्योंकि मरीजों का जीवन सीधे इन दवाओं की गुणवत्ता से जुड़ा हुआ है।

