युवा वर्ग की पहली पसंद
बना यह स्ट्रीट फूड
अतुल कांत खरे
बिलासपुर (Fourthline)। करीब साल पहले जब बिलासपुर में पश्चिम बंगाल से आए प्रसुन देव ने मोमोज का पहला स्टॉल लगाया था तब किसी ने भी नहीं सोचा था कि इस स्ट्रीट फूड का इतना जबरदस्त क्रेज हो जाएगा ।यह युवाओं की पहली पसंद बन चुका है । शहर में 400 से ज्यादा मोमोस के सेंटर चल रहे हैं।
यह फेमस स्ट्रीट फूड वेज और नॉनवेज दोनों ही प्रकार से मिलता है और युवाओं में इसका अच्छा खासा क्रेज है । शाम होते ही मोमोस के सेंटर युवाओं से भर जाते हैं। सिर्फ स्ट्रीट ही नहीं अब यह बड़े होटलों और मॉल में भी मिलने लगा है।
स्कूल या कॉलेज ऑफिस हो या नदी का किनारा, हर जगह मोमोज कै स्ट्रॉल नजर आने लगे हैं। बिलासपुर में रिवरव्यू के किनारे मोमोज के 3 से 4 स्टाल हो गए हैं।
कोलकाता से बिलासपुर आकर मोमोस का व्यवसाय कर रहे सुनील देव बताते हैं कि यह एक तिब्बती डिश है, जो चीन के मालपुए से प्रभावित है । इसके व्यंजन सबसे पहले नेपाल के काठमांडू में मिले थे इसलिए यहां बिलासपुर में ज्यादातर मोमोस के स्टॉल का नाम काठमांडू मोमोज या जालपा देवी मोमोज है।
गर्मियों की शुरुआत के साथ इन दिनों बिलासपुर में यूं तो कई फूड सेंटर है, लेकिन मोमोज की अपनी जगह है । मोमोज की कई वैरायटी उपलब्ध है। खाने के शौकीन रखने वाले लोग इसे बहुत मजे से खाते हैं।
दार्जिलिंग से आए जानू दा श्रीकांत वर्मा मार्ग पर अपना स्टॉल लगाते हैं। उन्होंने fourthline प्रतिनिधि को बताया कि मोमोज में बहुत सी वेराइटी हो गई है । वेज मोमोज , पनीर मोमोज, सोया चिकन मोमोज, तंदूरी फ्राइड मोमोज। इसके साथ एक विशेष किस्म की चटनी दी जाती है, जो बेहद लोकप्रिय हैं ।युवा वर्ग इस चटनी को बार-बार मांग कर खाता है। स्विगी और जोमाटो के जरिए इन सेंटरों के मोमोज घरों में भी पहुंचने लगे हैं। बिलासपुर की कुछ बड़े होटलों में ग्रेवी वाला मोमोज भी उपलब्ध कराया जा रहा है । चूंकि ये स्ट्रीट फूड सस्ता भी है इसलिए बहुत तेजी से लोकप्रिय हुआ है । न्यूनतम 20 रूपए से शुरू होकर है 140 रूपए तक बिकता है।
खूब चबाकर खाएं
डाइटिशियन सुनीता पुजारा बताती हैं कि मोमोस को खूब चबाकर खाना चाहिए क्योंकि यह मैदे से बनता है और भाप में पकता है। मोमोस को उस वक्त तक चबाना चाहिए जब तक वह फेस्ट बन जाए। इससे इसे पचने में आसानी होती है और पूरी पौष्टिकता मिलती है । इसे जल्दी – जल्दी नहीं खाना चाहिए। जल्दी-जल्दी खाने से पेट बिगड़ने का खतरा होता है।
ज्यादा ना खाए -डॉ. श्रीवास्तव
शहर के प्रसिद्ध डॉक्टर के के श्रीवास्तव का कहना है कि मैदे के आइटम ज्यादा नहीं खाना चाहिए क्योंकि इसके गले की नली में चिपक जाने की समस्या रहती है और कई तरह- की समस्याएं पैदा करता है। यदि यह सब खा रहे हैं तो पानी खूब पिये और चबाकर खाएं।।