राजनांदगांव। PM Crop Insurance Scheme: पीएम फसल बीमा योजना के तहत छत्तीसगढ़ के राजनांदगांव जिले के छुरिया विकासखंड के ग्राम आमगांव में बड़ा घोटाला सामने आया है। केले और सब्जी की खेती वाली कृषि भूमि को चना फसल दर्शाकर बीमा कराया गया और 23 लाख 28 हजार 944 रुपये की बीमा राशि का गबन किया गया। विभागीय जांच में ब्लॉक कोऑर्डिनेटर और सीएससी ऑपरेटर दोषी पाए गए, जिसके बाद छुरिया थाने में दोनों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है।
PM Crop Insurance Scheme: जिले के खुज्जी विधानसभा क्षेत्र की पूर्व विधायक छन्नी साहू द्वारा इस मामले में शिकायत की गई थी। उन्होंने बताया था कि ग्राम आमगांव, थाना छुरिया स्थित रैलिस बायो एनर्जी प्रा. लिमिटेड के पार्टनर जय बग्गा, वैभव गोलछा और सुदर्शन वर्मा के नाम दर्ज 34 खसरा, लगभग 50 हेक्टेयर से अधिक भूमि पर पिछले एक वर्ष से केले की फसल लगी हुई थी। इसके बावजूद वर्ष 2024–25 में उक्त भूमि को चना फसल दर्शाकर फसल बीमा कराया गया। बिना फसल कटाई और पंचनामा के, कृषि विभाग के कुछ अधिकारियों, पटवारी और बीमा एजेंट की मिलीभगत से चना फसल में नुकसान दिखाकर 25 लाख रुपये से अधिक की बीमा राशि का भुगतान करा लिया गया।
जांच में फर्जीवाड़ा उजागर
PM Crop Insurance Scheme: शिकायत के बाद तहसीलदार छुरिया एवं वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी, विकासखंड छुरिया की ओर से मामला कलेक्टर राजनांदगांव के समक्ष प्रस्तुत किया गया। कलेक्टर के जितेंद्र यादव के निर्देश पर तहसीलदार छुरिया विजय कोठारी की अध्यक्षता में पांच सदस्यीय जांच दल गठित किया गया। जांच में यह सामने आया कि अमित वर्मा (ब्लॉक कोऑर्डिनेटर, भारतीय कृषि बीमा कंपनी) और सीएससी संचालक परमेश्वर साहू ने आपसी मिलीभगत कर कूटरचित दस्तावेज पोर्टल पर अपलोड किए और फर्जी फसल बीमा कराकर 23,28,944.35 रुपये की राशि परमेश्वर साहू, उसकी पत्नी गंगेश्वरी साहू और रुक्मणी कंवर के बैंक खातों में ट्रांसफर कराई।
PM Crop Insurance Scheme: कृषि विभाग के निर्देश पर वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी विकासखंड छुरिया द्वारा थाना छुरिया में लिखित शिकायत दर्ज कराई गई। इस पर अपराध क्रमांक 294/2025 धारा 316(5), 318(4), 336(2), 336(3), 338, 340(2), 61(2) बीएनएस के तहत दिनांक 12.12.2025 को मामला दर्ज किया गया। जिसके बाद थाना छुरिया की पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए दोनों आरोपियों को अभिरक्षा में लिया। पूछताछ में अपराध स्वीकार करने पर उन्हें गिरफ्तार कर न्यायालय के समक्ष न्यायिक रिमांड पर भेजा गया।










