जगदलपुर। Poet Lala Jagdalpuri:     कालजयी रचनाओं से राष्ट्रीय स्तर पर छत्तीसगढ़ प्रदेश और बस्तर अंचल का गौरव बढ़ाने वाले वरिष्ठ साहित्यकार  लाला जगदलपुरी को उनकी जयंती पर कल 17 दिसम्बर को जगदलपुर के लोगों ने विशेष रूप से याद किया। लाला जी के गृह नगर  में समारोहपूर्वक उनकी जयंती  मनाई गई। लालाजी का जन्म 17दिसम्बर 1920 को जगदलपुर में हुआ था और निधन भी 14 अगस्त 2013 को  जगदलपुर में हुआ ।

Poet Lala Jagdalpuri:  शासकीय जिला ग्रंथालय जगदलपुर में आयोजित इस महत्वपूर्ण साहित्यिक कार्यक्रम में  स्थानीय साहित्यकारों और प्रबुद्ध नागरिकों ने अपने प्रिय कवि के व्यक्तित्व और कृतित्व को याद किया और उनके चित्र पर माल्यार्पण कर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। यह आयोजन बस्तर (जगदलपुर) जिला प्रशासन के सहयोग से किया गया। उल्लेखनीय है कि राज्य सरकार द्वारा वर्ष 2021 में अपने इस ग्रंथालय का नामकरण  लाला जी के नाम पर किया जा चुका है।

Poet Lala Jagdalpuri:   लालाजी की जयंती के इस महत्वपूर्ण कार्यक्रम में नगर निगम जगदलपुर के सभापति खेमसिंह देवांगन मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए। बस्तर अंचल के पद्मश्री सम्मानित समाज सेवी धर्मपाल सैनी सहित अनेक विशिष्ट जन समारोह में उपस्थित थे। नगर निगम सभापति खेम सिंह देवांगन ने साहित्यकारों और प्रबुद्ध जनों को संबोधित करते हुए कहा कि आज लाला जगदलपुरी जी को याद करना  बस्तर की साहित्यिक आत्मा को  याद  करना है,  क्योंकि  लाला जगदलपुरी के विपुल साहित्य सृजन से बस्तर सहित सम्पूर्ण छत्तीसगढ़ समृद्ध हुआ है।

Poet Lala Jagdalpuri:   श्री देवांगन ने कहा कि  लालाजी का साहित्य  एक वैचारिक आंदोलन की तरह रहा है .उन्होंने अपनी लेखनी से बस्तर की माटी को आकार  दिया है । श्री देवांगन ने इस अवसर पर  बस्तर अंचल के युवाओं से लाला जगदलपुरी जी की रचनाओं को समग्रता से पढ़ने और मनन करने का आग्रह किया । वरिष्ठ कवि हिमांशु शेखर झा  ने  कहा कि लाला  जगदलपुरी  बस्तर के लोक जीवन और यहाँ की माटी से जुड़े रचनाकार थे, उन्होंने बस्तर के जीवन को जी कर साहित्य सृजन किया ।

Poet Lala Jagdalpuri:   कार्यक्रम में वरिष्ठ कवि और  साहित्यिक पत्रिका ‘सूत्र ‘के सम्पादक  विजय सिंह ने लाला जगदलपुरी  की प्रकाशित किताबों की  चर्चा करते हुए कहा कि लालाजी आम जनता के साहित्यकार थे।इसलिए वे अपने जीवन को बस्तर के जन -जीवन से आत्मसात कर सके। इस अवसर पर लाला जगदलपुरी के भतीजे और साहित्यकार विनय कुमार  श्रीवास्तव ने   बताया  कि लाला जगदलपुरी जी की अप्रकाशित कृतियों के संकलन के लिए उन्हें काफी प्रयास करना पड़ा,  तब जाकर उनकी कृतियों का प्रकाशन संभव हो सका ।

Poet Lala Jagdalpuri:   आयोजन में  योगेन्द्र मोतीवाला, गंगाराम कश्यप, सनत जैन और अर्जुन श्रीवास्तव  ने भी अपने विचार व्यक्त किए। जिला शिक्षा अधिकारी बलिराम बघेल और जिला ग्रंथालय के प्रभारी सूरज निर्मलकर ने कार्यक्रम के  महत्व पर प्रकाश डाला  । लालाजी पर केंद्रित इस  कार्यक्रम में जगदलपुर के साहित्यकार शरद चंद्र गौड़, सरिता सिंह, सुषमा झा, नरेंद्र पाढ़ी, सनत जैन, खुदेजा खान, नवनीत कमल, निशा शुक्ला, सुधा परमार, ऋषि शर्मा सहित अनेक रचनाकार और प्रबुद्ध जन उपस्थित थे। अनेक स्थानीय कवियों ने काव्य -पाठ भी किया।

आठ पुस्तकों का विमोचन
                 
आयोजन में लाला जगदलपुरी  के छोटे भाई स्वर्गीय केशवलाल श्रीवास्तव की कहानियों की 7 पुस्तकों-(1) कबरी(2) दरार (3) सहारा (4)सफ़र (5) दर्पण (6) चाहत और (7) परिंदे
सहित लालाजी के भतीजे विनय कुमार श्रीवास्तव के कविता -संग्रह ‘काव्य -पिटारा ‘ का विमोचन भी अतिथियों के द्वारा   किया गया ।
                   

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