बिलासपुर। Police wonder : राज्य महिला आयोग की पूर्व अध्यक्ष और बीजेपी नेता हर्षिता पांडेय को लेकर बिलासपुर पुलिस ने एक पुराने चक्का जाम के मामले में दो साल से फरार बताकर कोर्ट में चालान पेश कर दिया गया। जैसे ही इस बात की जानकारी हर्षिता पांडेय को हुई, वे अपने समर्थकों के साथ कोटा कोर्ट में हाजिर हुईं और जमानत ले ली।

Police wonder : यह मामला 13 फरवरी 2023 का है, जब सकरी-कोटा रोड पर गनियारी के पास चक्का जाम किया गया था। यह प्रदर्शन प्रदेश में नक्सल क्षेत्रों में बीजेपी कार्यकर्ताओं की हत्या के विरोध में था। उस समय राज्य में कांग्रेस की सरकार थी और भूपेश बघेल मुख्यमंत्री थे।इस चक्का जाम को लेकर कोटा पुलिस ने 12 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की थी। इनमें से 11 लोगों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया और उन्होंने जमानत भी ले ली।

Police wonder : हर्षिता पांडेय का कहना है कि उन्हें न तो एफआईआर की जानकारी दी गई, न ही कोई नोटिस या वारंट थमाया गया। इसके बावजूद पुलिस ने अदालत में चालान पेश करते हुए उन्हें फरार बता दिया। हर्षिता ने सवाल उठाया कि जब वे लगातार सरकारी और राजनीतिक कार्यक्रमों में मुख्यमंत्री, केंद्रीय मंत्रियों और अफसरों के साथ मौजूद रही हैं, तब भी उन्हें फरार बताना कैसे सही है?

Police wonder : हर्षिता पांडेय ने बयान में कहा कि जनहित से जुड़े मुद्दे उठाना नेताओं की जिम्मेदारी होती है, लेकिन पिछली सरकार ने ऐसे मामलों में जानबूझकर राजनीतिक द्वेष के तहत एफआईआर दर्ज करवाईं। हर्षिता पांडेय के खिलाफ धारा 147 (बलवा) और 347 (गैरकानूनी तरीके से रोकने) के तहत मामला दर्ज किया गया है।

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