बिलासपुर। छत्तीसगढ़ पर्यावरण संरक्षण बोर्ड (सीईसीबी) ने आज सीपत  में एनटीपीसी सीपत के तीसरे चरण (1 x 800 मेगावाट अल्ट्रा सुपर क्रिटिकल टेक्नोलॉजी प्रोजेक्ट) के लिए जनसुनवाई  की। इसमें परियोजना से प्रभावित होने वाले गांवों के लोग, स्थानीय प्रतिनिधि, हितधारक और अधिकारी बड़ी संख्या में मौजूद थे। आर ए कुरुवंशी, अतिरिक्त कलेक्टर, बिलासपुर तथा श्रीमती रश्मि श्रीवास्तव , क्षेत्रीय अधिकारी, (सीईसीबी) ने सुनवाई की अध्यक्षता की।

कार्यक्रम के प्रारंभ में पंकज शर्मा, डीजीएम (ईएमजी) ने स्टेज -3 की विशेषताओं पर प्रकाश डालने के अलावा गणमान्य व्यक्तियों और जनता का स्वागत किया। अल्ट्रा सुपर क्रिटिकल प्रौद्योगिकी पर आधारित, स्टेज-III इकाई पारंपरिक इकाई की तुलना में कम कोयले की खपत करती है और इस प्रकार इसे पर्यावरण के अनुकूल बनाती है। 7000 करोड़ रुपये की अनुमानित परियोजना लागत के साथ स्थापित, चरण -3 को किसी तरह की अतिरिक्त भूमि के आवश्यकता नहीं है तथा अतिरिक्त पानी की भी आवश्यकता नहीं है | यह परियोजना मौजूदा भूमि और आवंटित पानी के साथ कार्य करेगा|

जनता ने अपनी राय और सुझाव व्यक्त करते हुए, आस-पास के ग्रामीणों के कल्याण के लिए एनटीपीसी सीपत की चल रही गतिविधियों को व्यक्त किया। उन्होंने प्रबंधन से आसपास के गांवों में जरूरतमंद लोगों के समग्र विकास के लिए कल्याणकारी बजट बढ़ाने का अनुरोध किया।

चरण-III के शुरू होने के साथ, एनटीपीसी सीपत पावर स्टेशन की कुल क्षमता बढ़कर 3780 मेगावाट हो जाएगी। वर्तमान में, स्टेशन चरण-I और II के तहत पहले स्थापित पांच इकाइयों के माध्यम से 2980 मेगावाट का उत्पादन कर रहा है। बढ़ी हुई क्षमता के साथ, एनटीपीसी-सीपत न केवल देश के विकास के लिए प्रतिबद्ध है, बल्कि राज्य के विकास के लिए भी प्रतिबद्ध है।

एनटीपीसी व्यावसायिक उत्कृष्टता और सामाजिक उत्तरदायित्व के सर्वोच्च मानकों को बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध है। सार्वजनिक सुनवाई का सफल समापन भारत के विकास को जिम्मेदारी से शक्ति देने के लिए कंपनी की प्रतिबद्धता की पुष्टि करता है।

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