रायपुर। School education: छत्तीसगढ़ के स्कूली छात्रों के लिए अगले शैक्षणिक सत्र 2026-27 से चौथी, पांचवीं, सातवीं और आठवीं कक्षा की पाठ्य पुस्तकें बदलने जा रही हैं। राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (SCERT) ने इस दिशा में कार्य शुरू कर दिया है। 2025 के अंत तक नए पाठ्यक्रम को अंतिम रूप देकर किताबें प्रकाशन के लिए छत्तीसगढ़ पाठ्यपुस्तक निगम को सौंप दी जाएंगी। ये किताबें राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (NCERT) के पाठ्यक्रम पर आधारित होंगी, जिसमें 10-20% बदलाव छत्तीसगढ़ के स्थानीय परिवेश को ध्यान में रखकर किए जाएंगे।
School education: NCERT आधारित पाठ्यक्रम, स्थानीय जानकारी का समावेश- नया पाठ्यक्रम NCERT की तर्ज पर तैयार किया जा रहा है, ताकि छात्रों को राष्ट्रीय स्तर की शिक्षा के साथ-साथ छत्तीसगढ़ की स्थानीय संस्कृति, इतिहास और भौगोलिक जानकारी भी मिल सके। इससे पहले शैक्षणिक सत्र 2025-26 में पहली, दूसरी, तीसरी और छठवीं कक्षा की किताबें भी NCERT आधारित तैयार की गई थीं। इनमें मातृभाषा में अध्ययन सामग्री उपलब्ध कराने के साथ स्थानीय संदर्भों को शामिल किया गया था।
राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत बदलाव
School education: राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) 2020 के तहत सभी राज्यों में पाठ्यक्रम में बदलाव का प्रस्ताव है। इसका उद्देश्य केवल डिग्री या सर्टिफिकेट प्रदान करना नहीं, बल्कि छात्रों को व्यवहारिक और उपयोगी ज्ञान देना है। NCERT ने NEP के प्रावधानों के आधार पर पहले ही पाठ्यक्रम तैयार कर लिया है, जिसे छत्तीसगढ़ सहित कई राज्य अपने स्तर पर कुछ बदलावों के साथ लागू कर रहे हैं।
AI और रोबोटिक्स भी पाठ्यक्रम में
School education: आधुनिक तकनीक से छात्रों को जोड़ने के लिए पाठ्यक्रम में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) और रोबोटिक्स जैसे विषयों को शामिल करने की कवायद शुरू हो गई है। SCERT ने इसके लिए एक विशेष टीम गठित की है, जो सिलेबस में इन विषयों को किन कक्षाओं में और कैसे जोड़ा जाए, इस पर काम कर रही है। हालांकि, अभी यह तय नहीं हुआ है कि ये विषय किस कक्षा में पढ़ाए जाएंगे। इस कदम से छात्रों को भविष्य की तकनीकों के लिए तैयार करने का लक्ष्य है।

