fourthline national: रविवार से सोमवार के बीच 24 घंटों में देश की सड़कों पर क्रूर नियति का तांडव देखने को मिला है। राजस्थान, तेलंगाना, उत्तर प्रदेश और आंध्र प्रदेश में हुए 4 भीषण सड़क हादसों ने कई परिवारों की खुशियां उजाड़ दीं। तेज रफ्तार, लापरवाही और ट्रैफिक नियमों की अनदेखी ने 60 से अधिक लोगों की जान ले ली, जिनमें महिलाएं, बच्चे और कई परिवारों ने अपनी जान गंवा दी।
डंपर ने 17 वाहनों को रौंदा, 19 की मौत
Unsafe road traffic: राजस्थान की राजधानी जयपुर के हरमाड़ा इलाके में सोमवार दोपहर एक भयावह हादसा हुआ। तेज रफ्तार डंपर ने 17 वाहनों को कुचल दिया, जिससे 19 लोगों की मौके पर ही मौत हो गई और 10 से अधिक लोग घायल हुए। लोहे मंडी के पास हुए इस हादसे में सड़क पर शव बिखर गए, कारें और बाइक्स डंपर के नीचे दब गए। चश्मदीदों के मुताबिक, यह मंजर किसी नरसंहार से कम नहीं था।
बस और टिपर की भिड़ंत में 19 की मौत
Unsafe road traffic: तेलंगाना के चेवेल्ला क्षेत्र में सोमवार सुबह RTC बस और टिपर लॉरी में टक्कर हो गई। टक्कर के बाद लॉरी पलट गई और उसमें भरी बजरी बस के अंदर जा गिरी। 19 यात्रियों की मौके पर ही मौत हो गई और कई लोग घायल हुए। बस का अगला हिस्सा पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया। ड्राइवर साइड के अधिकांश यात्रियों ने घटनास्थल पर ही दम तोड़ दिया।
टेंपो ट्रैवलर खड़े ट्रक से टकराई, 15 की मौत
Unsafe road traffic: रविवार देर शाम भारतमाला एक्सप्रेसवे पर एक और दर्दनाक हादसा हुआ। कोलायत दर्शन से लौट रहे श्रद्धालुओं का टेंपो ट्रैवलर एक खड़े ट्रक से जा टकराया। हादसे में 15 लोगों की मौत हो गई, जिनमें 10 महिलाएं और 4 बच्चे शामिल थे। सभी मृतक जोधपुर के सूरसागर इलाके के निवासी बताए जा रहे हैं।
कार-ट्रक की भिड़ंत में 4 की मौत
Unsafe road traffic: आंध्र प्रदेश के कार्लपालेम के पास एक कार और कंटेनर ट्रक की आमने-सामने भिड़ंत में 4 लोगों की मौत हो गई। कारसवार परिवार शादी समारोह से लौट रहा था। ओवरटेक करते समय कार ड्राइवर ने नियंत्रण खो दिया और ट्रक से जा टकराया।
सड़क सुरक्षा पर सवाल
Unsafe road traffic: सिर्फ 24 घंटों में इतने बड़े पैमाने पर हुई मौतें एक बार फिर भारत की सड़क सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े करता है। जयपुर में बेकाबू डंपर चालक की लापरवाही हो या तेलंगाना में गलत दिशा से आती लॉरी, हर हादसे ने सिस्टम की विफलता और लापरवाही की कीमत दर्जनों जिंदगियों से वसूल की है। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, भारत में हर साल करीब 1.5 लाख लोग सड़क हादसों में मारे जाते हैं, यानी औसतन हर दिन 400 से अधिक मौतें होती है। सड़कें तेज रफ्तार, खराब डिजाइन, नियमों की अनदेखी और कमजोर कानून प्रवर्तन के कारण मौत के फंदे में बदलती जा रही हैं। इन हादसों ने न केवल परिवारों को उजाड़ा है, बल्कि यह भी दिखाया है कि सड़क सुरक्षा केवल ट्रैफिक नियमों की नहीं, बल्कि जीवन-मृत्यु की लड़ाई बन चुकी है। देशभर में इन दुर्घटनाओं को लेकर शोक और गुस्सा दोनों देखने को मिल रहा है।


		
	







