रायपुर।Will be major administrative surgery with the cabinet expansion: मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय अपने मंत्रिमंडल के विस्तार के साथ बड़ी प्रशासनिक सर्जरी कर सकते हैं। बस मंत्रिमंडल विस्तार को दिल्ली से हरी झंडी मिलने का इंतजार है। यह किसी भी दिन हो सकता है। इसकी  तैयारी मुकम्मल हो चुकी है। राज्यपाल से मुख्यमंत्री की औपचारिक मुलाकात के बाद राजनीतिक और प्रशासनिक सरगर्मी तेज हो गई है। 

Will be major administrative surgery with the cabinet expansion: ऐसी संभावना है कि मंत्रिमंडल में पांच नए मंत्री शामिल किए जा सकते हैं। इनमें कुछ पुराने और अनुभवी नेताओं को मौका मिल सकता है। सरकार के गठन के बाद से ही मंत्री का एक पद खाली है। इधर सांसद चुने जाने के बाद मंत्री पद से बृजमोहन अग्रवाल के इस्तीफे के बाद एक और पद खाली हो चुका है। मुख्यमंत्री विभागीय कामकाज की समीक्षा पूरी कर चुके हैं और इस समीक्षा के साथ  मंत्रिमंडल में फेरबदल की भी संभावना है । दो-तीन मंत्रियों की विदाई भी हो सकती है। इन संभावनाओं को देखते हुए विस्तार में पांच नए मंत्रियों के शामिल किए जाने की अटकलें लगाई जा रही हैं। इनमें एक महिला को मौका मिल सकता है।ये या तो रेणुका सिंह हो सकती हैं या बस्तर से एक और मंत्री बनाने पर जोर दिया गया तो लता उसेंडी भी हो सकती हैं। सरगुजा संभाग से मौजूदा मंत्रिमंडल में तीन मंत्री हैं। इनमें से किसी को ड्राप किया  जा सकता है। 

Will be major administrative surgery with the cabinet expansion: मुंगेली जिले का राजनीति में प्रभाव बढ़ गया है। बिलासपुर लोकसभा सीट से सांसद तोखन साहू केन्द्र में मंत्री बन गए हैं। मुंगेली से अरूण साव राज्य सरकार में उपमुख्यमंत्री पहले से हैं। क्षेत्रीय संतुलन बनाए रखने के लिए यहां भी नए प्रयोग की संभावना बन सकती है। मंत्री पद के संभावित चेहरों में वैसे तो कई पुराने व अनुभवी नेता हैं , मगर सभी को मंत्रिमंडल में अवसर नहीं मिल सकता क्योंकि मंत्रिमंडल में 13 सदस्य ही हो सकते हैं। मंत्रिमंडल का गठन मुख्यमंत्री का विशेषाधिकार है और किसी  का मंत्री बनना इस पर भी निर्भर करेगा कि उनकी पसंद क्या है। वे अनुभव को प्राथमिकता देते हैं या नए चहरों को आगे लाना चाहते हैं। अनुभवी नेताओं में अजय चंद्राकर, अमर अग्रवाल, धरमलाल कौशिक,राजेश मूणत, पुरन्दर मिश्रा और नए चेहरों में गजेन्द्र यादव का भी नाम लिया जा रहा है। 

Will be major administrative surgery with the cabinet expansion: मंत्रिमंडल विस्तार के साथ बड़ी प्रशासनिक सर्जरी की भी तैयारी है। मुख्यमंत्री सरकार के छह माह के कार्यकाल में प्रशासनिक कामकाज की स्थिति की समीक्षा कर चुके हैं। इस बीच बदलाव कि कोई बड़ा फैसला सरकार नहीं कर सकी क्योंकि लोकसभा चुनाव में ही करीब तीन माह का वक्त निकल गया। यह संभव है कि ज्यादातर जिलों के कलेक्टर -एसपी बदल दिए जाएं। बलौदाबाजार की घटना से सरकार की छवि पर आंच आई है। हालांकि सरकार ने वहां के कलेक्टर- एसपी को निलंबित करने का कड़ा फैसला लेकर प्रशासनिक हलके में यह संदेश देने की कोशिश की है कि सरकार कड़े फूल लेने में हिचकिचाने वाली नहीं है।

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