अजय गुप्ता
सूरजपुर । समाज सेवा का भाव अंतर्मन की प्रेरणा से पैदा होता है इसी प्रेरणा से कोई किसी के दुख सुख में अपने आप को शामिल पाता है। समाज में समर्थ लोगों की कमी नहीं है लेकिन कम ही लोग हैं जो दीन दुखियों की सेवा की भावना रखते हैं।शहर के एक युवा ने इसकी एक मिसाल कायम की है।कड़ाके की ठंड में फटे पुराने तिरपाल के नीचे रह रहे एक परिवार को देखकर इस युवा को रहा नहीं गया और दूसरे ही दिन इस परिवार के मुखिया को संदेश भेजकर ईट और शीट का आवास बनवा दिया,जिसने भी इस सेवाभाव को जाना वह प्रशंसा करते नहीं थका।

शहर के इस सेवाभावी युवा का नाम राहुल अग्रवाल उर्फ टिंकू है। यह संयोग ही है कि उनका जन्म एक संपन्न परिवार में हुआ इनका परिवार भी लोगों की सहायता करने में सदैव आगे रहता है। यहीं से राहुल को सेवाभाव की सीख मिली। उनका दिन लोगों की सेवा के लिए कुछ करने में ही गुजरता है। राहुल के प्रयासों से शहर में एक सर्व सुविधायुक्त अस्पताल भी स्थापित होने जा रहा है , जो अगले कुछ माह में शुरू हो जाएगा।
स्वास्थ्य, शिक्षा सबको हो सुलभ
एक अच्छा स्कूल भी राहुल का सपना था जब शहर में निजी अथवा सरकारी क्षेत्र में कोई अंग्रेजी माध्यम अच्छा स्कूल नहीं था तब राहुल ने एक अच्छा स्कूल खोलने की कल्पना की।साधु राम विद्या पीठ उनके दादाजी के नाम से है,इस स्कूल में गरीब दिव्यांग बच्चों को निशुल्क शिक्षा दी जा रही है।परिवार का ही शहर में साधु राम सेवा कुंज भी हैं जो सामाजिक कार्यक्रमों के लिए उपलब्ध कराया जाता है इस सेवा कुंज में सभी सुविधाएं उपलब्ध कराई गई है,सभी सेवा संस्थाओं की देखरेख राहुल के ही जिम्मे है और आने वाले समय में अस्पताल की भी देखरेख इन्हीं के जिम्मे होगी।उनकी सोच है कि क्षेत्र के लोगों को स्वास्थ्य व शिक्षा के क्षेत्र में अच्छी सस्ती व सहजता से सारी सुविधाएं मिले।
दिव्यांग दिवस पर सहायक उपकरण
दिव्यांगजनों को हर वर्ष विश्व दिव्यांग दिवस के दिन कृत्रिम अंगों का सहयोग करते हैं।ट्राई साइकिल से लेकर अन्य उपकरण लोगों को उपलब्ध कराते हैं। बीते वर्ष दिव्यांगजनो को उपकरण व आत्मनिर्भर बनाने साधन उपलब्ध कराए गए थे, जिसमें करीब 30 दिव्यांगों को व्हीलचेयर,बैसाखी,छड़ी, श्रवण यंत्र सहित आजीविका चलाने किराना व डेली नीड्स का सामान्य भेंट किया गया था।राहुल पीआरए ग्रुप के डायरेक्टर हैं और इस ग्रुप द्वारा जिला चिकित्सालय में रक्तदान शिविर भी लगाया जाता है । ग्रुप के सदस्यों और समूह से जुड़े लोगों ने इस वर्ष शिविर में 18 यूनिट रक्तदान किया। जिला चिकित्सालय में जब भी ब्लड की जरूरत पड़ती है,राहुल ब्लड डोनेट करने स्वयं पहुंच जाते हैं और उन्हें देखकर लोगों को भी इसकी प्रेरणा मिलती है।इसी प्रकार लोगों को खेल व शिक्षा के क्षेत्र में आगे बढ़ाने निरंतर सहयोग करते हैं। नेशनल क्रॉस कंट्री के लिए चयनित प्रतापपुर के आर्थिक रूप से कमजोर एक धावक को आर्थिक मदद भी उन्होंने की,जिससे वह नागालैंड खेलने जा सका। रनर्स ग्रुप ने राहुल से मदद मांगी थी।गुरु घासीदास जयंती पर शहर के बड़का पारा में आयोजित एक कार्यक्रम में राहुल पहुंचे तो वहां के लोगों ने एक गरीब परिवार के बारे में बताया कि वह कड़ाके की ठंड में फटे पुराने तिरपाल के नीचे रात गुजारने मजबूर है,राहुल ने अगले ही दिन ईट व सीट के साथ अपने लोगों को भेजकर आवास बनवा दिया। यह परिवार सुकून से रह रहा है इसके लिए सभी राहुल की तारीफ कर रहे हैं,पढ़े-लिखे दिव्यांग जनों को रोजगार देने में भी राहुल मदद कर रहे हैं।
दिव्यांग बच्चों को मुफ्त शिक्षा
इसके लिए अपनी संस्थाओं में भी दरवाजे खोल रखें हैं। स्कूल में दिव्यांग बच्चों को मुफ्त में पढ़ाते हैं । साथ ही पुलिस के बच्चों को फीस में रियायत देने की भी व्यवस्था की है। थांग-ता एसोसिएशन के चयनित बच्चों को आर्थिक सहायता देकर दूसरे शहरों में खेलने के लिए प्रोत्साहित किया है । ऐसे दस बच्चों को मदद की है, जिससे वे बच्चे दूसरे शहर में अपने खेल का प्रदर्शन कर जिले का नाम रोशन किया। राहुल बताते हैं कि किसी का थोड़ा सहारा बनने से वह राहत महसूस करे तो ऐसी सेवा भाव मुझे सुकून देता है। इसके लिए वे लोगों को सरकारी मदद भी दिलाने में मददगार साबित होते हैं।राहुल ने समाज सेवा के क्षेत्र में जो मुकाम हासिल किया है उसके लिए पूरे क्षेत्र में उनकी चर्चा होती रहती है,लोगों को लगता है कि राहुल से मिलकर ही उनकी मुश्किलें आसान हो जाएंगी।

