बिलासपुर । आजाद मंच ने शहर में सिटी बस सेवा की शुरुआत को अपने पहले आंदोलन की सफलता बताते हुए भ्रष्टाचार के खिलाफ अपने दूसरे आंदोलन की घोषणा की है । आजाद मंच के पदाधिकारियों ने अपने पहले सिटी बस सेवा आंदोलन की सफलता के लिए धन्यवाद ज्ञापित किया और आजाद मंच के दूसरे आंदोलन फाइट अगेंस्ट करप्शन की शुरुआत भ्रष्टाचार के खुलासे के एक लाइव डेमो दिखाया।
आजाद मंच के प्रमुख विक्रांत तिवारी ने प्रेस क्लब में पत्रकारों से बातचीत में कहा कि भ्रष्टाचार सरकारी प्रोटोकॉल बनता जा रहा है, जिसने छत्तीसगढ़ को दीमक की तरह अंदर से खोखला करना शुरू कर दिया है। इस दीमक की दवा बन कर हम खत्म करेंगे। मंच पदाधिकारियों ने ऑनलाइन टेंडर की प्रक्रिया में गड़बड़ी का एक डेमो दिखाया। इसमें बताया गया कि एक निकाय में एनआईटी 1839 दिनांक 18.11.21 जिसमें 5 कार्य निकलते हैं ।एक साथ ऑनलाइन चार कार्य 21 लाख, 24 लाख,26लाख 40 लाख के दिखते हैं। 65 लाख का एक कार्य जिस दिन उसका टेंडर आता है उस दिन से लेकर आज दिनांक तक ओपन नहीं होता ।इसका कारण यह है वह कार्य पहले से दिया जा चुका है । मामला मल्हार नगर पंचायत में निकले 65 लाख के टेंडर का है । ऐसे 5- 7 टेंडर निकलते हैं । राज्य में 195 नगर पंचायतें हैं तो सोचिए यह राशि कितनी बड़ी हो जाती है ।
मंच पदाधिकारियों ने कहा कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने छत्तीसगढ़ के बेरोजगार युवाओं को ठेका पद्धति में काम दिलाने के लिए पंजीकृत करवाया था। एक पारदर्शी प्रक्रिया के तहत उन्हें काम मिलने का भरोसा भी दिलाया था, किंतु इस तरीके से टेंडर निकालकर उन युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ ही नहीं बल्कि मुख्यमंत्री की सोच को भी धता बता रहे हैं। बिल्ली अपनी आंख बंद करके दूध पीती है और समझती है कि उसे कोई देख नहीं रहा है, लेकिन भ्रष्ट अधिकारी यह न समझें कि उन्हें कोई देख नहीं रहा है। आजाद मंच की नजर सब पर है और तमाम भ्रष्टाचारियों की पोल खोलने का काम यह मंच फ़ाइट अगेंस्ट करप्शन के अपने दूसरे आंदोलन में करने की कोशिश करेगा।