नई दिल्ली। दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) चुनाव में इस बार ‘उपरोक्त में से कोई नहीं’ यानी नोटा का जमकर इस्तेमाल हुआ। अगर पिछले एमसीडी चुनावों से तुलना करें तो इस बार नोटा को 57 हजार से ज्यादा मतदाताओं ने अपनी पहली पसंद चुना। दिल्ली के 57,000 से अधिक मतदाताओं ने राजनीतिक दलों या अपने वार्ड में चुनाव लड़ने के लिए चुने गए उम्मीदवारों के खिलाफ नाराजगी व्यक्त करने के लिए नोटा विकल्प को चुना। एमसीडी चुनाव में कुल 73,35,825 मत डाले गए। इनमें से 57,545 या कुल मतों का 0.78 प्रतिशत लोगों ने NOTA को चुना। पिछले चुनावों की तुलना में ये संख्या 8300 ज्यादा है। हालांकि, सभी राजनीतिक दलों ने सभी वार्डों पर चुनाव नहीं लड़ा, लेकिन फिर भी नोटा के लिए डाले गए वोट इनमें से कुछ राजनीतिक दलों को मिले मतों से अधिक थे। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) को कुल 14,890 वोट या 0.20 प्रतिशत वोट मिले। ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) को 45,628 वोट (कुल का 0.68%) मिले, जबकि जनता दल (यूनाइटेड) को 11,480 वोट (0.16%) मिले।

