बिलासपुर । छत्तीसगढ़ अमीर धरती के गरीब लोगों का प्रदेश कहलाता है। राज्य में अभी भी कुल आबादी के 40 फीसदी लोग गरीब हैं। यहां के सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले गरीब परिवारों के अनगिनत बच्चे नंगे पांव ही स्कूल आते – जाते हैं। एक विधायक को नंगे पांव स्कूल आए ऐसे बच्चों को देखकर तरस आ गया और उन्होंने इन बच्चों के लिए जूते खरीदने एक माह का वेतन देने की घोषणा कर दी। विधायक की चारों ओर तारीफ हो रही है।
बिलासपुर सीट से कांग्रेस के विधायक शैलेष पांडे एक सरकारी स्कूल के कार्यक्रम में पहुंचे थे। यहां उन्होंने नंगे पांव स्कूल आए बच्चों को देखा और कार्यक्रम के दौरान इन बच्चों के लिए जूते खरीदने एक माह का वेतन देने की घोषणा कर दी । यही नहीं स्कूल के बच्चों को कंप्यूटर शिक्षा के लिए विधायक निधि से 5 लाख देने तथा स्कूल को आत्मानंद इंग्लिश मीडियम स्कूल के रूप में उन्नयन का भी भरोसा दिलाया। विधायक के एक माह के वेतन से जल्दी ही इस स्कूल के बच्चों के लिए जूते खरीदे जाएंगे। ठंड के इस मौसम में जूते पहनकर स्कूल आने – जाने में बच्चों को सुविधा होगी।
छत्तीसगढ़ में सक्षम लोगों , संस्थाओं और जनप्रतिनिधियों की कोई कमी नहीं है। अगर ये भी विधायक शैलेष पांडे की तरह सोचने लगे तो गरीब परिवारों के सभी बच्चों के लिए जूते खरीदे जा सकते हैं।राज्य सरकार ने एक समय तेंदू पत्ता मजदूरों कै लिए चरण पादुका योजना चलाई थी। लाखों मजदूरों को जूते वितरित किए गए थे। सरकार भी चाहे तो नंगे पांव स्कूल आने -जाने गरीब परिवारों के इन बच्चों के लिए इसी तरह की कोई योजना शुरू कर सकती है।