कोरबा/बिलासपुर । भूविस्थापित किसान कल्याण समिति के आव्हान पर जिले के कोयला खदानों सहित किसानों के ज्वलन्त मुद्दों पर 2 दिसम्बर से न्याय पदयात्रा प्रारम्भ की गई है। चार दिनों की पदयात्रा पूरी कर आज 5 दिसंबर को एसईसीएल मुख्यालय में प्रदर्शन के बाद छत्तीसगढ़ के मुख्य न्यायाधीश को विभिन्न समस्याओं का निराकरण कराने के लिए मांग पत्र सौंपा जाएगा।
संगठन के अध्यक्ष सपुरन कुलदीप के नेतृत्व में एसईसीएल के गेवरा मुख्यालय के सामने से यह पदयात्रा प्रारंभ हुई। वरिष्ठ नागरिक के हाथों श्रीफल तोड़कर न्याय यात्रा का शुभारंभ किया गया। भूविस्थापितों ने अपनी 11 सूत्रीय मांगों के लिए आवाज बुलंद की और नारेबाजी करते हुए गेवरा से बिलासपुर के लिए प्रस्थान किए। न्याय यात्रा में हजारों की संख्या में भू विस्थापित एवं क्षेत्रीय किसान शामिल हो रहे हैं जो एसईसीएल की कोरबा जिले में संचालित हो रहे सभी खदान परियोजनाओं से प्रभावित हैं। दशकों पूर्व कोयला खदान के लिए अपना खेत, जमीन, घर-बार देने के बाद ये भूविस्थापित नौकरी, मुआवजा, बसाहट और मूलभूत सुविधाओं के लिए आज भी जूझ रहे हैं। इनके हक की लड़ाई ऊर्जाधानी भूविस्थापित किसान कल्याण समिति के द्वारा प्रभावित भूविस्थापितों के सहयोग से लड़ी जा रही है।

समिति के अध्यक्ष सपुरन कुलदीप ने कहा है कि यह लड़ाई तब तक जारी रहेगी जब तक एसईसीएल प्रबंधन भूविस्थापितों को उनका अधिकार नहीं दे देता। नौकरी के लंबित मामलों का निराकरण करने के साथ-साथ नई नौकिरियों के मामले में अनेक-अनेक कारण बताकर लटकाए जा रहे हैं। भूविस्थापितों को स्वास्थ्य, बेहतर शिक्षा, सड़क, पानी, बिजली जैसी मूलभूत सुविधाओं के लिए जूझना पड़ रहा है।सपुरन कुलदीप ने बताया कि 2 दिसंबर से प्रारंभ हुई न्याय यात्रा दीपका, अम्बिका, करतली व सराईपाली परियोजना से होकर यात्रा गुजरेगी और पाली-रतनपुर मार्ग से होते हुए 5 दिसंबर को सीएमडी कार्यालय के सामने प्रदर्शन कर हाईकोर्ट तक जाएगी। श्री कुलदीप के नेतृत्व में आयोजित हो रही इस न्याय यात्रा में गैर सरकारी संगठन सार्थक के सचिव लक्ष्मी चौहान, समिति के पदाधिकारियों सहित भू-विस्थापित परिवार, सामाजिक व राजनीतिक संगठनों सहित आमजनों का सहयोग प्राप्त हो रहा है।

बतादे कि कोरबा जिला में संचालित एसईसीएल की कोयला खदानों के कारण हजारों किसानों-ग्रामीणों को विस्थापन और उससे जुड़ी की समस्याओं के कारण बहुत नुकसान हुआ है। रोजगार ,पुनर्वास और मुआवजा तथा सबंधित मूलभूत समस्याओ का निराकरण कराने के लिए आये दिन आन्दोलन के लिए मजबूर होना पड़ रहा है |
केंद्र व राज्य सरकार की अलग-अलग नीतियों, प्रशासन-कोल इंडिया एवं एसईसीएल प्रबन्धन की मनमर्जी के कारण भूविस्थापित और खदानों से प्रभावित होने वाले परिवार अपने अधिकार से वंचित हो रहे हैं। न्यायालयीन आदेशों की अवहेलना भी कर दी जाती है ।

ये है मांग
01. रोजगार के पुराने लंबित मामलो का जल्द से जल्द निराकरण करने और भू अर्जन के बाद जन्म वाले प्रकरण में रोजगार दिलाने के लिए सार्थक कार्यवाही हो ।
02. शासकीय/वन भूमि एवं भूमिहीन परिवार की जमीन पर बने मकानों का शत प्रतिशत सोलिशियम और बसाहट की पात्रता हेतु वर्तमान में प्रचलित नियमो में संशोधन कर समुचित लाभ दिया जाये ।
03. एसईसीएल में लागू कोल इण्डिया पालिसी 2012 को वापस लिया जाये और हर खाते में स्थायी रोजगार/नौकरी प्रदान किया जाये। चूंकि वर्ष 2010 में पालिसी लायी गयी थी अतः उससे पूर्व भू अर्जन के मामले में अनिवार्य रूप से हर खाते में रोजगार दिया जाये तथा भूविस्थापित परिवारों के शेष बेरोजगार युवाओं को खदान परिक्षेत्र में वैकल्पिक रोजगार की 100% व्यवस्था किया जाए |
04. गाँव की भूमि का आंशिक अधिग्रहण पर रोक लगायी जाये और सम्पूर्ण गाँव अर्जन किया जाये |
05. अर्जित गाँव से विस्थापन से पूर्व उनके पुनर्वास स्थल की सर्वसुविधायुक्त व्यवस्था किया जाये |
06. खदान बंद हो जाने अथवा अनुपयोगी होने पर पुराने अर्जित भूमि को मूल खातेदारों को वापसी करायी जाये । कोल बेयरिंग एक्ट के तहत अर्जित खाली पड़े भूमि को अन्य उपयोग में लेने की बजाय बसाहट की व्यवस्था किया जाये ।
07. पुनर्वास ग्रामों व प्रत्यक्ष प्रभावित ग्रामों में जिला खनिज न्यास मद संस्थान के नियमानुसार 60 प्रतिशत खर्च करने सहित शिक्षा, स्वास्थ और रोजगार सृजन के लिए कार्ययोजना सुनिश्चित करायी जाये |
08. भूविस्थापितों के बच्चों को नि:शुल्क उच्च शिक्षा की पढाई- लिखाई और एसईसीएल के अस्पतालों में मुफ्त इलाज की सुविधा प्रदान किया जाये |
09. प्रभावित क्षेत्रों का एसईसीएल से सीएसआर के तहत समुचित विकास कार्य कराया जाना सुनिश्चित किया जाये |
10. आउट्सोर्सिंग कंपनियों में नियोजित ठेका कामगारों को निर्धारित वेतन सहित समस्त सुविधाएं प्रदान किया जाये |
11. गाँव में रहने वाले गरीब किसानों के राजस्व मसलों फौती, बंटाकन, नामांतरण, सीमांकन आदि की स कामस्या को दूर कराने के लिए नियमित शिविरों का आयोजन कराया जाये |
12. एसईसीएल की विभिन्न परियोजनाओं में फर्जी तरीके से नौकरी प्राप्त लोगों पर पुलिस में एफआईआर दर्ज हो जाने के बाद आगे की जांच और कार्यवाही तथा गिरफ्तारी एवं नौकरी से बर्खास्त करने के लिए एफआईआर दर्ज हो चुके मामलों की समीक्षा कराते हुए कठोर कार्यवाही करना सुनिश्चित किया जाए। इसमें संलिप्त लोगों से रिकव्हरी भी कराई जाए जो फर्जी होना जानते हुए भी धूल झोंक कर पात्र लोगों का हक छीने हुए हैं।

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