रामानुजगंज । अपने दोस्तों के साथ मोहल्ले में रामनवमी का झंडा लगाकर लौटे 11 साल के मासूम ने शाम 7 बजे मां से खाना मांगा । मां न खाना तैयार होने तक पढ़ने के लिए कहा। मां ने खाना तैयार करके खिलाने के लिए बुलाया तो कमरे से कोई आवाज नहीं आई। भीतर से बंद दरवाजे को किसी तरह खोला गया तो भीतर मासूम पंखे से फांसी के फंदे पर लटका हुआ था।

इस घटना से सभी स्तब्ध हैं। एक ही सवाल है कि कोई 11 साल का मासूम ऐसा भी कदम उठा सकता है ! फांसी के फंदे पर पंखे से लटके मासूम को उतारकर अस्पताल ले जाया गया परंतु तब तक उसकी मृत्यु हो चुकी थी। पुलिस ने घटना पर मर्ग कायम कर शव का पोस्टमार्टम कराया और शव परिजनों को सौंप दिया।
नगर के वार्ड क्रमांक 13 में रहने वाले सुनील प्रजापति का 11 वर्षीय पुत्र परमानंद प्रजापति काफी होनहार था। वह स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम स्कूल में कक्षा चौथी में पढ रहा था। परमानंद पढ़ाई में बहुत तेज था। अपने दोस्तों के साथ दिन भर घूम-घूमकर रामनवमी का झंडा लगाकर शाम को घर लौटा था । अपने शिक्षक के यहां भी झंडा लगाने गया था । झंडा लगाते हुए बहुत ही उत्साहित एवं खुश था। सभी हैरान हैं कि अचानक ऐसा कैसे हुआ। घर में भी वैसी कोई बात नहीं हुई, जिससे नाराज होकर ऐसा कोई कदम उठा ले।। उसने सामान्य रूप से रोज की तरह खाना मांगा और मां के कहने पर पढ़ाई करने अपने कमरे में गया था। बाल मनोविज्ञान के लिए यह घटना किसी पहेली की सामने है।परमानंद का अंतिम संस्कार पैतृक गांव आमर जिला गढ़वा झारखंड में कर दिया गया।

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