बिलासपुर – भोपाल, बिलासपुर-इंदौर उड़ानो को बंद करने और मनमाना किराया रखने के विरोध में जनहित याचिका
बिलासपुर । छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट की जस्टिस गौतम भादुड़ी और जस्टिस सैम.पी.कोशी की खण्डपीठ ने हाईकोर्ट प्रेक्टिसिंग एडव्होकेट बार एसोसिएशन की जनहित याचिका पर एलायंस एयर कंपनी द्वारा बिलासपुर-भोपाल और बिलासपुर-इंदौर उड़ान को पांच महीने में बंद कर करने के लिए केन्द्र सरकार, नागरिक उड्डयन मंत्रालय, एयरपोर्ट अथारटर्टी ऑफ इंडिया और सरकारी कंपनी एलायंस एयर को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।
गौरतलब है कि उड़ान योजना के तहत संचालित उड़ानें एक साल के पहले बंद नहीं की जा सकती परन्तु भोपाल और इंदौर की उड़ान चार और पांच महीने में बंद कर दी गई है। याचिका में एलायस एयर के द्वारा दिल्ली का किराया 23,000/- तक वसूलने पर भी सवाल उठाया गया है। उड़ान योजना की गाइडलाइन एक निश्चित किराये से अधिक किराया न होने को निर्धारित करती है। याचिका में बिलासपुर से इंदौर उड़ान बरकरार रखने और दिल्ली का किराया कम करने के अनुतोष मांगे गये है। इस आवेदन पर प्रतिवादियों को चार सप्ताह में जवाब देना है, और प्रकरण की अगली सुनवाई 21 अप्रैल को रखी गई है। हाईकोर्ट ने रक्षा मंत्रालय और राज्य सरकार को सेना के कब्जे वाली जमीन एयरपोर्ट हेतु हस्तांतरित करने कि जानकारी मांगी है। हाईकोर्ट ने कहां कि हस्तांतरण व्यावसायिक शर्तो पर न हो।
आज की सुनवाई में खण्ड पीठ ने रक्षा मंत्रालय द्वारा जमीन वापसी पर कोई आपत्ति न होने के कथन को रिकार्ड में लिया। वहीं याचिकाकर्ता के अधिवक्ता सुदीप श्रीवास्तव द्वारा प्रस्तुत छत्तीसगढ़ राज्य के 2023-24 के बजट के उस अंश को भी संज्ञान में लिया, जिसके तहत राज्य सरकार ने 89 करोड़ 32 लाख रूपये एयरपोर्ट की जमीन वापसी के लिये प्रावधानित किये है। एडव्होकेट जनरल सतीश वर्मा द्वारा किये गये कथन कि 28 एकड़ जमीन नाईट लैडिंग कार्य के लिए तुरंत आवश्यक है, खण्डपीठ ने इसे भी रिकार्ड में लिया। एक और याचिकाकर्ता की ओर से उपस्थित अधिवक्ता आशीष श्रीवास्तव ने एयरपोर्ट के पहुंच मार्ग के शीघ्र निर्माण की मांग की । केन्द्र सरकार की ओर से अधिवक्ता केशव और एएआई. की ओर से अधिवक्ता अनुमेह श्रीवास्तव उपस्थित थे।