रायपुर। देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 7 जुलाई को रायपुर प्रवास से पहले प्रदेश कांग्रेस ने छत्तीसगढ़ में भाजपा के 15 वर्षों केआं शासनकाल में हुए घोटालों की लिस्ट जारी करते हुए प्रधानमंत्री से जांच की मांग की है। दावा किया गया है कि रमन सिंह के मुख्यमंत्री रहते प्रदेश में 1 लाख करोड़ के घोटाले हुए हैं। अब देश के प्रधानमंत्री को इनकी जांच करवानी चाहिए।

राजीव भवन में हुई प्रेस कॉन्फ्रेंस में प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि प्रधानमंत्री भ्रष्टाचार पर रोक की बातें करते हैं, लेकिन जब भ्रष्टाचार के मामले भाजपा से जुड़े हो तो प्रधानमंत्री मौन हो जाते हैं।PM कहते हैं न खाऊंगा, न खाने दूंगा। उनके नेता यहां करोड़ों का गए।


कांग्रेस नेताओं ने कहा कि भाजपा की छत्तीसगढ़ में 15 साल सरकार थी। इन 15 सालों में भ्रष्टाचार के अनेक नए रिकॉर्ड बने। रमन राज में 1 लाख करोड़ से अधिक का घोटाला हुआ है। रमन के घोटालों की जांच के लिये मुख्यमंत्री ने ईडी को और पत्र भी लिखा है। वैसे तो रमन और उनके मंत्रिमंडलीय सहयोगियों के घोटाले की लंबी सूची है, लेकिन हम प्रधानमंत्री से 6 घोटालो की जांच की मांग करते हैं। इनमें चिटफंड, नान, शराब, पनामा पेपर, इंदिरा प्रियदर्शनी और गौशाला घोटाला शामिल है।

लिस्ट में ये घोटाले

गरीबों के राशन का घोटाला :
प्रधानमंत्री भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस की बातें करते हैं। भाजपा शासन में गरीबों के राशन पर डाका डाला गया। 36000 करोड़ के इस नान घोटाले की ईडी से जांच क्यों नहीं कराते?

चिटफंड घोटाला:
राज्य की जनता की गाढ़ी कमाई के पैसों को लूटने का खेल सरकारी संरक्षण में हुआ। प्रदेश की जनता के 6000 करोड़ से अधिक की रकम चिटफंड कंपनियों ने डकार लिया । खुद मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह, उनके सांसद पुत्र अभिषेक सिंह, उनकी पत्नी वीणा सिंह, भाजपाई मंत्री, सांसद व प्रदेश के आला अधिकारी ‘रोजगार मेलों’ के माध्यम से इन चिटफंड कंपनियों द्वारा आयोजित कार्यक्रम में सीधे तौर से शामिल हुए।

शराब घोटाला :
वर्ष 2012 से 17 के बीच सरकार ने शराब ठेकेदारों से मिलीभगत कर लगभग 4400 करोड़ रुपयों का घोटाला किया। दशकों से चली आ रही आबकारी नीति को परिवर्तित कर दिया गया। वैसे ही जैसे दिल्ली की आप सरकार ने किया है। वहां के उप मुख्यमंत्री को सीबीआई ने गिरफ्तार किया है, वे जेल में हैं। ऐसे ही रमन सिंह की जांच क्यों नहीं ?

पनामा पेपर:
प्रधानमंत्री देश का कालाधन विदेशों में रखने वालों के नाम वाले पनामा पेपर में छत्तीसगढ़ के अभिषेक सिंह का नाम है। प्रधानमंत्री से प्रश्न कियू ड्यू है कि इसकी की जांच क्यों नहीं करवाते ?

गौशाला घोटाला :
भाजपा की रमन सरकार में गौमाता के नाम पर 1677 करोड़ का घोटाला कर दिया गया। गौशालाओं को प्रतिदिन आहार के नाम पर 115 गौशालाओं को प्रतिदिन 28 लाख 75 हजार रु. से अधिक राशि दिया जाता था। एक साल में 1 अरब 4 करोड़ 93 लाख 75 हजार, 15 साल में 1560 करोड़ का गौशालाओं में चारा के नाम पर दिया गया। भाजपा गौमाता के नाम पर घपला करने वालों पर ईडी कार्रवाई कब करेगी?

इंदिरा प्रियदर्शिनी बैंक घोटाला:

छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में 22000 से अधिक खातेदारों का 54 करोड़ रुपए का गबन हो गया। इस बैंक के घोटालेबाजों से भाजपा की तत्कालीन सरकार के मुख्यमंत्री, मंत्रियों ने घूस की रकम ली। मुख्य आरोपी ने अपने नार्को टेस्ट में रमन सिंह, बृजमोहन अग्रवाल, राजेश मूणत, अमर अग्रवाल, रामविचार नेताम को पैसे देना स्वीकार किया था। इन आरोपी भाजपा नेताओं को भाजपा क्यों संरक्षण दे रही है?

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