भाजपा में लौटने का आमंत्रण देने श्रीकोट  पहुंचे पहुंचे भाजपा नेताओं के सामने रखी शर्त 

अम्बिकापुर।  बलरामपुर जिले की सामरी विधानसभा सीट से कांग्रेस विधायक चिंतामणि महराज भाजपा में शामिल हो सकते हैं। उन्होंने शर्त रखी है कि अम्बिकापुर सीट से टीएस सिंहदेव के खिलाफ  पार्टी टिकट दे। उन्होंने  सरगुजा से लोकसभा चुनाव के लिए भी टिकट की मांग की है। 

कांग्रेस विधायक चिंतामणि महाराज से मिलने आज पूर्व केबिनेट मंत्री बृजमोहन अग्रवाल, पूर्व केंद्रीय मंत्री विष्णुदेव साय तथा भाजपा सरगुजा के प्रभारी संजय श्रीवास्तव उनके गृह ग्राम श्रीकोट पहुंचे थे। भाजपा नेताओं से हुई बातचीत के बारे में चिंतामणि ने कहा कि भाजपा में लौटने और इस चुनाव में भाजपा को सहयोग करने का प्रस्ताव लेकर वे आए थे। मैंने अम्बिकापुर सीट से टीएस सिंहदेव के खिलाफ टिकट देने की शर्त रखी है। इस पर नेताओं का कहना था कि चुनाव की पहले से तैयारी कर रहे लोगों को नाराज़ करना ठीक नहीं होगा।

चिंतामणि को भरोसा  है कि वह अम्बिकापुर  सीट से श्री सिंहदेव को हरा सकते हैं। भाजपा के जो लोग चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे हैं उनके लिए सीट खाली कर देंगे। उसके बाद सरगुजा सीट से लोकसभा का चुनाव लड़ लूंगा। भाजपा नेताओं ने चिंतामणि से भाजपा में लौटने का आमंत्रण  देते हुए यह  विश्वास दिलाने की भी कोशिश की थी कि उन्हें सरगुजा सीट से पार्टी लोकसभा चुनाव का टिकट दे सकती है। चिंतामणि ने कहा कि पहले वे टीएस सिंहदेव के खिलाफ विधानसभा का चुनाव लड़ना चाहते हैं। उल्लेखनीय है कि भाजपा ने अभी तक अम्बिकापुर सीट से अपने प्रत्याशी की घोषणा नहीं की है।

विधायक चिंतामणि से वरिष्ठ भाजपा नेताओं की इस मुलाकात को महत्वपूर्ण माना जा रहा है। चिंतामणी महाराज भाजपा शासनकाल में छत्तीसगढ़ संस्कृत बोर्ड के अध्यक्ष थे।  2013 में वह बीजेपी छोड़कर कांग्रेस में शामिल  हो गए थे। पहली बार वह 2013 के चुनाव में लुण्ड्रा से विधायक बने तथा 2018 में उनकी सीट बदलकर सामरी सीट से कांग्रेस ने टिकट दिया और वहां से भी उन्होंने जीत हासिल  की । चिंतामणि जाने – माने आदिवासी समाजसेवी संत गहिरा गुरू के पुत्र हैं।  श्रीकोट स्थित गहिरा गुरू आश्रम पूरे क्षेत्र में प्रसिद्ध है।

 चिंतामणि  को कांग्रेस ने इस बार टिकट नहीं दिया , जिससे वह नाराज चल रहे हैं।  सामरी सीट के कांग्रेसियों ने उन्हें सामरी से टिकट देने का विरोध किया था। कांग्रेस सम्मेलन में उनके कार्यों पर विरोध जताया गया था। इसके बाद से ही कयास लगने लगे थे कि उनका टिकट कट सकता है। आख़िरकार  हुआ़ भी यही और उनकी जगह पार्टी ने विजय पैकरा को टिकट दे दिया। टिकट काटे जाने से चिंतामणि की नाराज़गी का फायदा उठाने की कोशिश में भाजपा ने देर भी नहीं लगाई और श्रीकोट जाकर भाजपा में शामिल होने का आमंत्रण दे दिया। चिंतामणि ने जो शर्त रखी है उस शर्त पर बात बनेगी, इसकी संभावना कम दिखाई देती है लेकिन कहा  ही जाता है कि राजनीति में कुछ भी असंभव नहीं है।

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