भाजपा दे सकती है महिला प्रत्याशी, कांग्रेस से पूर्व सांसद या मंत्री को मौका 

•अजय गुप्ता

सूरजपुर (fourthline)। सरगुजा लोकसभा सीट का प्रतिनिधित्व एक बार फिर सूरजपुर जिले को मिल सकता है। भाजपा और कांग्रेस दोनों ही प्रमुख पार्टियों से संभावित प्रत्याशियों में कई नेताओं के नाम उभरकर सामने आ रहे हैं । इनमें पूर्व सांसद, विधायक और मंत्री शामिल हैं। कुछ नए चेहरे भी हैं , जिन्हें भविष्य  की राजनीति के नजरिए से दावेदार के रूप देखा जा रहा है। भाजपा ने विधानसभा चुनावों में नए चेहरों पर दांव लगाकर पहले ही साफ कर दिया है कि वह जीत की संभावना के आधार पर प्रत्याशी का चुनाव करेगी।

लोकसभा चुनाव को लेकर दोनों ही प्रमुख पार्टियों भाजपा और कांग्रेस की तैयारियां शुरू हो गई हैं। पार्टी प्रभारियों की नियुक्ति की जा चुकी है । बैठकों का दौर भी लगातार जारी है। विधानसभा चुनाव में बड़ी जीत दर्ज कर सत्तासीन हुई भाजपा काफी उत्साहित दिख रही है। सरगुजा की सुरक्षित लोकसभा सीट के लिए पिछले  कुछ चुनावों से कांग्रेस और भाजपा दोनों ही पार्टियां सूरजपुर जिले से ही प्रत्याशी चुनती रही हैं । इस बार भी दोनों पार्टियां इसी जिले से लोकसभा प्रत्याशी चुन सकती हैं, ऐसी संभावना जताई जा रही है। इसके लिए दावेदारों ने भी जोर-आजमाइश शुरू कर दी है। सरगुजा लोकसभा सीट आदिवासी वर्ग के लिए आरक्षित है।  इस सीट पर पिछली बार भाजपा ने जिले की तेजतर्रार नेत्री रेणुका सिंह को उम्मीदवार बनाया था। वह जीतीं भी और केंद्रीय मंत्री भी बनीं । इस बार उन्हें विधानसभा चुनाव में उतार दिया गया। अब वह भरतपुर-सोनहत सीट से विधायक हैं। पार्टी उन्हें पुनः लोकसभा चुनाव लड़ाने पर विचार कर सकती हैं। हालांकि विधानसभा चुनाव के बाद क्षेत्र की राजनीति बदल चुकी है और जिले में ही नये दावेदारों की लंबी कतार है। भाजपा महिला उम्मीदवार फिर उतार सकती है।

भाजपा से यहां पूर्व में स्वर्गीय मुरारी लाल सिंह और श्रीमती रेणुका सिंह एक-एक बार तो कांग्रेस से खेलसाय सिंह तीन बार सांसद रह चुके हैं। जिले को पांच बार सांसद पद मिल चुका है। वर्ष 2004 के चुनाव में जशपुर  जिले के नंदकुमार साय कांग्रेस के खेलसाय सिंह को हराकर भाजपा से सांसद बने थे ।इसके बाद से लगातार सरगुजा संसदीय सीट भाजपा के कब्जे में है। संभावना है कि इस बार फिर यही से किसी नेता का सांसद के रूप में भाग्योदय हो सकता है। 

जिले में भाजपा से पूर्व गृहमंत्री रामसेवक पैकरा की दावेदारी प्रबल मानी जा रही है। वह जिले  के अनुभवी राजनीतिज्ञ हैं। उन्होंने भटगांव विधानसभा चुनाव में दावेदारी की थी मगर टिकट नहीं मिला। यहां उन्होंने पार्टी के लिए चुनाव प्रभारी के तौर पर कार्य किया और भाजपा प्रत्याशी को जीत दिलाई। डा. रमन सिंह सरकार में वह गृहमंत्री थे। सरगुजा लोकसभा क्षेत्र में वह किसी परिचय के मोहताज नहीं हैं। नए चेहरों में भी यहां उम्मीदवारों की कमी नहीं है,  जिन्हें मौका दिया जा सकता है। भाजपा के पूर्व प्रदेशाध्यक्ष स्वर्गीय शिव प्रताप सिंह के पुत्र सत्यनारायण सिंह आदिवासी समाज में अच्छी पैठ रखते हैं । राजनीति में प्रभावशाली आदिवासी युवा नेताओं में इनकी गिनती होती है । वह भाजपा अनुसूचित जनजाति मोर्चा के प्रदेश महामंत्री के साथ इसी मोर्चा के संभाग प्रभारी भी  हैं। वह अपने पिता की राजनीतिक विरासत को आगे बढ़ाने का काम कर रहे हैं।  हालांकि अभी तक इन्हें चुनाव लड़ने का मौका नहीं मिला है। विधानसभा चुनाव में दो बार टिकट के दावेदारों  में उनका नाम जरूर शामिल हुआ था। महिला उम्मीदवार के रूप में भाजपा जिला उपाध्यक्ष पुष्पा सिंह का नाम तेजी से उभरा है,जो पार्टी गतिविधियों में काफी सक्रिय दिखाई देती रही हैं। वह पूर्व सांसद स्वर्गीय मुरारी लाल सिंह की भाई बहू हैं। उन्होंने शुरुआत पंचायत की राजनीति से की है । सरपंच से लेकर जनपद अध्यक्ष के पद पर रह चुकी हैं। जनपद अध्यक्ष का पद निर्विरोध जीती थीं । जनपद अध्यक्ष रहते उन्हें राष्ट्रपति के हाथों सत्येन मैत्रा पुरस्कार से  सम्मानित होने का भी गौरव प्राप्त हुआ था। महिला मोर्चा की जिला अध्यक्ष के रूप  में महिलाओं के बीच उनका कार्य सराहा जाता रहा है। अभी सर्व आदिवासी समाज महिला विंग की जिला अध्यक्ष हैं । प्रेमनगर विधानसभा सीट से उन्होंने दावेदारी की थी मगर टिकट नही मिला। उनकी विधानसभा चुनाव में प्रत्याशियों को जिताने में महत्वपूर्ण भूमिका थी। रामसेवक पैकरा ने भटगांव के चुनाव प्रभारी के तौर पर कार्य किया तो सतनारायण सिंह को प्रतापपुर की जिम्मेदारी पार्टी ने सौंपी थी। पार्टी ने विधानसभा चुनाव में पुष्पा सिंह को सभाओं के साथ-साथ जनसंपर्क जैसी महत्वपूर्ण जिम्मेदारी दी थी। जिले की लोकप्रिय महिला नेत्रियों में उनका नाम शुमार है। संगठन को आगे बढ़ाने में सक्रिय रूप से कार्य करती रही  हैं। जिले की  तीनों विधानसभा सीटों के चुनाव में इन नेताओं की सक्रिय भूमिका से मिली जीत के बाद इनका आभामंडल और चमका है और अब  लोकसभा के लिए टिकिट के दावेदारों में इनके नामों की चर्चा है। 

इनके अलावा दो महिला नेत्रियां और हैं, जो टिकट की दौड़ में बताई जा रही हैं।हैं । इनमें शांति सिंह व संध्या सिंह का नाम शामिल है।शांति सिंह जनपद सदस्य रहीं तो संध्या सिंह जनपद अध्यक्ष रह चुकी हैं। पार्टी में विभिन्न पदों पर रहकर पार्टी गतिविधियों को गति देने में इन दोनों की महत्वपूर्ण भूमिका रही है। शांति सिंह महिला मोर्चा की जिला महामंत्री के पद पर रहते हुए महिलाओं को पार्टी से जोड़ने का काम किया। वर्तमान में महिला मोर्चा जिला बलरामपुर की प्रभारी और राष्ट्रीय सेविका समिति की नगर संपर्क प्रमुख हैं जबकि संध्या सिंह अजजा मोर्चा भाजपा की प्रदेश कार्यसमिति की सदस्य हैं। संध्या बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ की जिला संयोजक का दायित्व  संभालते हुए क्षेत्र की बेटियों में शिक्षा का अलख जगा चुकी हैं ।वह पूर्व सांसद स्वर्गीय मुरारी लाल सिंह की पुत्रवधू हैं।

सरगुजा लोकसभा सीट के लिए संभावित प्रत्याशी के रूप में देखे जा रहे ये नेताओं व नेत्रियों को उनकी जमीनी पकड़  के आधार पर संगठन  के साथ ही चुनावों में जिम्मेदारियां  मिलती रही हैं। यही नहीं जनता की समस्याओं को लेकर इन्हें जनांदोलन करते भी  देखा गया है। 

भाजपा की राजनीति में संघ से जुड़े लोगों को भी मौका दिया  जाता रहा है। इसे देखते हुए है जनजाति गौरव समाज से जुड़े एक पदाधिकारी का नाम भी सामने आया है, जो भटगांव विधानसभा क्षेत्र से आते हैं। भाजपा ही  नहीं कांग्रेस भी सरगुजा लोकसभा सीट से प्रतिनिधित्व का मौका सूरजपुर जिले को दिया है। यहां से कांग्रेस के खेलसाय सिंह तीन बार सांसद रहे। वे इस बार विधानसभा चुनाव हार गए । विनम्र नेता की छवि रखने वाले खेलसाय सिंह कांग्रेस से लोकसभा उम्मीदवार फिर से बनाए जा सकते हैं । पूर्व मंत्री डा. प्रेमसाय सिंह का नाम भी प्रमुखता से लिया जा रहा है। रायपुर में पिछले दिनों हुई कांग्रेस की स्क्रीनिंग कमेटी में इनके नाम की चर्चा हो चुकी है। प्रेमसाय सिंह को इस बार विधानसभा चुनाव में मौका नहीं दिया गया था। इससे यह संभावना जताई जा रही है कि उन्हें लोकसभा चुनाव में उतारा जा सकता है। पार्टी छत्तीसगढ़ की सभी 11 सीटों पर अलग-अलग रणनीति पर काम कर रही है। पार्टी ने बड़े नेताओं, पूर्व मंत्रियों को लोकसभा में उतारने का फैसला किया है।

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