•अजय गुप्ता
सूरजपुर,(fourthline)। सरगुजा की आदिवासी समाजसेविका राजमोहिनी देवी अब इस दुनिया में नहीं हैं , लेकिन उनके अनुयायी आज भी समाज के उत्थान और जनजागरण के काम में लगे हुए हैं। ऐसे ही दो अनुयायी सड़कों पर ढोलक के साथ सड़कों पर घूम-घूमकर लोगों को संदेश दे रहे हैं। वे लोगों को स्वच्छता और शिक्षा के महत्व के साथ-साथ नशे से दूर रहकर जीवन को संवारने की बात कहते हैं। सड़क सुरक्षा के प्रति भी लोगों को जागरुक कर रहे हैं।
दोनों निपट गांव के लोग हैं, लेकिन उनके इन प्रयासों में राजमोहिनी देवी के समाज के उत्थान के लिए वर्षों के योगदान का प्रभाव देखा जा सकता है। पैदल चलते हुए भी सर पर हेलमेट के बारे में पूछ जाने पर उन्होंने बताया कि सड़क पर दुपहिया वाहन से चलने के दौरान हेलमेट लगाना स्वयं की सुरक्षा के लिए जरूरी है । जिले के भैयाथान ब्लॉक के ग्राम रैसरा चेंद्रा के रामलाल व नवल साय सड़कों पर ढोलक बजाकर नारे लगाते हुए दिखे । यह दोनों राजमोहिनी माता के विचारों से प्रभावित होकर लोगों में जन जागरूकता लाने का प्रयास कर रहे हैं। उनका कहना है कि मानव जीवन बड़े भाग्य से मिला है। इसका सदुपयोग करना चाहिए। हमलोग खेती किसानी से फुरसत पाकर लोगों में जन जागरूकता लाने का प्रयास करते हैं। खुद तो ज्यादा पढ़े-लिखे नहीं है मगर बच्चों में शिक्षा का अलख जगाने गांव गांव घर-घर ,शहर- शहर अभियान चलाते हैं । जागे देश की क्या पहचान ,पढ़ा-लिखा हो हर इंसान ,शराब से दूर रहो दूध-दही खाओ पियो, सफाई में है सदैव भलाई ,अब तो समझो दादा भाई, इनके नारे हैं। रामलाल ने बताया कि वे लोगों को अपने गीतों से स्वच्छता , नशा मुक्ति , शिक्षा व सड़क सुरक्षा के लिए जागरुक कर रहे हैं। नवलसाय ढोलक बजाकर लोगों को अपनी ओर आकर्षित करते हैं । ये दोनों शहर की सड़कों पर ढोलक और गीत गाते चलते हैं। इस संवाददाता से बातचीत में इन्होंने कहा कि हम राजमोहिनी देवी के विचारों से प्रभावित हैं और खेती-किसानी के बाद फुरसत पाकर लोगों में जन जागरूकता लाने का प्रयास कर रहे हैं। माता राजमोहिनी देवी, महात्मा गांधी व अयोध्या के राम मंदिर का चित्र लिए नंगे पांव सड़कों पर घूम रहे इन दोनों पर सहसा ही लोगों की नजरें टिक जाती हैं। भीड़ देखकर वे अपनी बातें साझा करते हैं। जनजागरूकता के इनके प्रयासों को काफी सराहना मिल रही है।