कलेक्टर-एसपी नहीं पहुंचे कार्यक्रम में, रेणुका ने कहा -जिले में ऐसे अफसरों की जरूरत नहीं मनेन्द्रगढ़। International Yoga Day: जिले में 10 वां अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस का आयोजन स्वामी आत्मानंद स्कूल प्रांगण मनेंद्रगढ़ में समाज कल्याण विभाग एवं जिला प्रशासन के द्वारा किया गया। कार्यक्रम की मुख्य अतिथि पूर्व केंद्रीय राज्यमंत्री व माननीय विधायक श्रीमती रेणुका सिंह ने जिलेवासियों के साथ योग किया। कार्यक्रम में कलेक्टर-एसपी के नहीं पहुंचने पर विधायक ने खुले मंच से नाराज़गी प्रकट की।
International Yoga Day: दसवें अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर मुख्य अतिथि भरतपुर-सोनहत विधायक श्रीमती सिंह ने सामूहिक योग कार्यक्रम में बच्चों, युवाओं सभी लोगों का उत्साहपूर्वक विभिन्न प्रकार के आसनों का अभ्यास एवं प्राणायाम कर नियमित योग के लिए प्रेरित करते हुए सभी को स्वस्थ रहने का संदेश दिया। इस वर्ष ‘‘महिला सशक्तिकरण के लिए योग’’ की थीम पर सभी लोगों ने उत्साह एवं नई ऊर्जा के साथ योग किया।
International Yoga Day: श्रीमती सिंह ने योग दिवस पर प्रकाश डालते हुए कहा कि 11 दिसम्बर 2014 को अमेरिका में स्थित संयुक्त राष्ट्र महासभा में अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के प्रस्ताव को मंजूरी मिलने के बाद सर्वप्रथम इसे 21 जून 2015 को पूरे विश्व में अंतरराष्ट्रीय योग दिवस (इंटरनेशनल डे ऑफ योगा) के नाम से मनाया गया। तब से प्रत्येक वर्ष हम योगा दिवस मनाते आ रहे हैैं। योगः कर्मसु कौशलम् अर्थात् योग से आती है हमारे कर्मों में कुशलता और हम बन जाते हैं आत्मनिर्भर। योग न केवल हमारा स्वाभिमान बढ़ाता है बल्कि उपयोगी व आत्मनिर्भर बनाकर हमें स्वावलंबन की सनातन परंपरा से भी जोड़ता है। तभी तो कहा गया है कि योग कर्मसु कौशलम् अर्थात कर्मों की कुशलता ही योग है।
International Yoga Day: वास्तव में योग जब जीवन में उतरता है तो जीव पर सुख-दुख अपना नकारात्मक प्रभाव नहीं डाल पाते। इसलिए कहा गया है कि योग करने का नहीं, बल्कि जीने का नाम है। हमारे ऋषियों ने जीवन को धैर्य और संयम युक्त बनाने के लिए योग को प्रमुख माध्यम बनाया था। वर्तमान समय में संपूर्ण मानवता की रक्षा के लिये धैर्य, संयम और करुणा जैसे दिव्य आभूषणों की ही आवश्यकता है, जो केवल योगमय जीवन पद्धति में निहित हैं। शरीर, मन व भावनाओं को संतुलित करता है। योग का तात्पर्य जोडऩा व एकीकरण है। आध्यात्मिक दृष्टि से देखें तो आत्मा का सार्वभौमिक चेतना से मिलन, आत्मा का परमात्मा से मिलन और व्यावहारिक दृष्टि से देखें तो योग शरीर, मन व भावनाओं को संतुलित व समरेखीय बनाने का एक सर्वश्रेष्ठ माध्यम है। योग अंतर्मुखी और बहिर्मुखी, दोनों ही स्थितियों में संतुलन स्थापित करता है। शरीर, आत्मा और मस्तिष्क का सार्वभौमिक चेतना से जुडऩा ही योग है, जो हमें शिक्षा देता है और इसी में संपूर्ण मानवता की सुरक्षा निहित है। योग को आत्मसात कर ही हम प्रकृतिमय जीवन जी सकते हैं। योग असीम ऊर्जा और उत्साह का संचार कर हमारी व्यवहारकुशलता व कार्यक्षमता को बढ़ाता है। इसीलिए गीता में भगवान श्रीकृष्ण कहते हैं, योगः कर्मसु कौशलम्।
International Yoga Day: योग शिक्षकों ने प्रार्थना, ताड़ासन, वृक्षासन, पादहस्तासन, अर्धचक्रासन, भ्रदासन, वज्रासन, सेतु बंध आसन, योग निद्रासन, मकरासन जैसे अन्य योग भ्रामरी प्राणायाम एवं ध्यान का अभ्यास कराया। कार्यक्रम का मुख्य आकर्षण का केन्द्र अर्पिदा दत्ता तथा 9 वर्ष की दिव्यांग वर्षा मिश्रा रहीं। इन दोनों बच्चियों ने योगासन के विभिन्न आसन कर सबको उत्साहित कर दिया। बिलासपुर की अर्पिता दत्ता राज्यपाल के हाथों योगा गोल्ड मेडल से सम्मानित हैं। इन्होंने प्रतिभागियों के साथ प्रारंभ से अंत तक सभी आसनों को बड़ी ही सहजता एवं सरलता से किया। कार्यक्रम की समाप्ति पश्चात् सभी प्रतिभागियों को स्वल्पाहार प्रदान किया गया। कार्यक्रम का संचालन संजय श्रीवास्तव व जिला शिक्षा अधिकारी अजय मिश्रा ने आभार व्यक्त करकर कार्यक्रम समाप्ति की घोषण की।