रायपुर। छत्तीसगढ़ में भूपेश सरकार ने नरवा गरवा घुरवा बाड़ी पर करोड़ों रूपए खर्च कर दिए, लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और है। प्रदेश में गौठानों की हालत बद से बदतर है। प्रदेश के कई जिलों में गौठानों में गायों के लिए पीने के पानी तक की व्यवस्था नहीं है। इस मामले को लेकर आम आदमी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष कोमल हुपेंडी ने भूपेश सरकार पर कई सवाल खड़े किए। उन्होंने कहा कि भूपेश बघेल अन्य राज्यों में जाकर चुनाव में गौठानों के नाम वोट मांगते हैं, लेकिन आलम यह है कि गौठानों में गायों के लिए पीने का पानी उपलब्ध नहीं हो रहा है।
“आप” प्रदेश अध्यक्ष कोमल हुपेंडी ने कुछ जिलों के आंकड़े प्रस्तुत करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के विधानसभा क्षेत्र में ही आप जाएं और देखें तो हकीकत समझ आ जाएगी। जहां रोड पर बड़ी संख्या में गाय भटकती हुई मिल जाएंगी। ऐसे में अंदाजा लगाया जा सकता है कि कि प्रदेश के मुखिया के क्षेत्र का यह हाल है तो अन्य जिलों का क्या हाल होगा?
कोमल हुपेंड़ी ने बताया कि कोडागांव के ग्राम पंचायत किबई बालेंगा में बने गौठान का बोर्ड तो लगा है लेकिन गौठान गायब हो गया है। इसके अलावा बेमेतरा में गौठान शोपीस बनकर रह गया है। गौठान वीरान पड़े हैं, लेकिन कोई ध्यान देने वाला नहीं है। गायों ने अपना बसेरा सड़कों पर बना लिया है। जिससे आए दिन हादसे हो रहे हैं, गायों के साथ-साथ जन हानि भी हो रही है। उन्होंने सरकार की इस योजना को फेल बताया है। हुपेंडी ने कहा कि भूपेश सरकार ने गौठानों के माध्यम से भ्रष्टाचार के लिए एक नया रास्ता खोल लिया है।
आप प्रदेश अध्यक्ष ने सीएम भूपेश बघेल पर निशाना साधते हुए कहा कि वे नरवा गरवा घुरवा बाड़ी को सरकार की सबसे महत्वाकांक्षी योजना बताते हैं, लेकिन प्रदेश में गौठान सिर्फ शोपीस बनकर रहे गए हैं। भूपेश बघेल ने गौठान समितियों को 151 करोड़ 65 लाख रूपए का भुगतान किया है। पैसा तो खर्च किया जा रहा है, लेकिन उसकी जमीनी हकीकत समझ से परे है।
कोमल हुपेंडी ने कहा कि गौठानों की हालत को लेकर आम आदमी पार्टी के पदाधिकारी और कार्यकर्ता गांव-गांव जाकर एक-एक गौठानों की हकीकत प्रदेश की जनता को दिखाएगी और भूपेश सरकार ने जो गौठानों के नाम पर भ्रष्टाचार किया है उसकी पोल खोलने का काम करेगी।
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