कहा- गांव के लोगों की मर्जी के खिलाफ कोई एक इंच जमीन नहीं ले सकता
अंबिकापुर। हसदेव अरण्य बचाओ आंदोलन के 500 दिन पूरे हो गए। पूर्व उपमुख्यमंत्री टीएस सिंह देव ने कहा है कि ग्रामीण एक राय होकर खदान के लिए जमीन देने से मना कर देंगे तो कोई ताकत उनकी जमीन नहीं ले सकती। हम ग्रामीणों के निर्णय के साथ हैं। प्रशासन और पुलिस दबाव देकर खदान नहीं खुलवा सकते। ग्रामीणों के आंदोलन को ताकत से कुचलने की कोशिश की गई तो विद्रोह का भी सामना करना पड़ सकता है।
हसदेव अरण्य क्षेत्र में परसा कोल खदान के विरोध में पिछले 500 दिन से धरने पर बैठे ग्रामीणों के बीच पहुंचे पूर्व उप मुख्यमंत्री ने कहा कि पुरानी खदान, जिसकी स्वीकृति पहले हो चुकी है, उसका विरोध नहीं है। हरिहरपुर, फतेहपुर सहित अन्य प्रभावित गांवों के लोग नई खदान के विरोध में हैं। कांग्रेस पार्टी आदिवासियों और वनवासियों के साथ है। राहुल गांधी की पहल पर केंद्र में यूपीए की सरकार ने भूमि अधिग्रहण पर कानून बनाया है। कम से कम 70 प्रतिशत भूमि स्वामी एक राय होकर जो भी निर्णय लेंगे, शासन प्रशासन उस निर्णय को मानने के लिए बाध्य होगा। वनों की कटाई के लिए प्रशासन की शक्ति और हथियारबंद पुलिस द्वारा बल प्रयोग की शिकायत पर उपमुख्यमंत्री ने कहा नियम का पालन सभी को करना होगा। आम जनों के टैक्स से पगार पाने वाले सरकारी कर्मचारी और अधिकारी यह समझ लें कि कानून सबके लिए है। यदि वे नियम कायदों की परवाह नहीं करेंगे तो ग्रामीण भी नियम तोड़ने पर मजबूर हो जाएंगे।
श्री सिंहदेव ने कहा कि किसी बात का समाधान बातचीत से ही हो सकता है। ताकत के बल पर आंदोलन को दबाने का परिणाम विद्रोह के रूप में सामने आएगा। उन्होंने स्पष्ट किया कि हिंसक आंदोलन को उनका समर्थन नहीं मिलेगा, लेकिन यदि कोई ग्रामीणों को बलपूर्वक दबाएगा तो पूरी कांग्रेस पार्टी ग्रामीणों के समर्थन में खड़ी होगी। पादप बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष बालकृष्ण पाठक ने मुड़गांव में पॉवर प्लांट हेतु जमीन अधिग्रहण के हिंसक आंदोलन और अमेरा खदान के लिए जमीन नहीं देने के परसोढ़ी के ग्रामीणों का उदाहरण देकर कहा एकजुट होने से ही सफलता मिलेगी।
कार्यक्रम को जिला पंचायत अध्यक्ष मधु सिंह, उदयपुर ब्लॉक कांग्रेस अध्यक्ष राजनाथ सिंह, अमेरा खदान आंदोलन से जुड़े रणविजय सिंह, धर्मेंद्र झरिया ने भी संबोधित किया। हसदेव अरण्य आंदोलन से जुड़े लोगों और ग्रामीणों ने भी अपनी बात रखी। इस दौरान विक्रमादित्य सिंह देव, जेपी श्रीवास्तव, सिद्धार्थ सिंह, हेमंत सिन्हा, राजेश मलिक गुड्डू, विनय शर्मा बंटी, प्रदेश सचिव अनुपम फिलिप, अमित सिंह देव, शैलेन्द्र प्रताप सिंह, युकां के प्रदेश उपाध्यक्ष मुज्जसम अली सहित बड़ी संख्या में कांग्रेस पदाधिकारी और कार्यकर्ता मौजूद थे।
हथियार दिखाकर घर से उठाया, कपड़े तक पहनने नहीं दिए
ग्राम बासेन के सरपंच ने बताया किस तरह पुलिस ने उन्हें हथियार के बल पर घर से उठा लिया था। कपड़े तक पहनने नहीं दिए थे। भावुक होते हुए उन्होंने कहा कि मुझे गांव वालों ने जनप्रतिनिधि बनाया है, मेरी जिम्मेदारी पहले उनके प्रति है। ग्रामीणों ने जान देने लेकिन जमीन नहीं देने का संकल्प दोहराया। उल्लेखनीय है हसदेव में नई खदान खोलने के विरोध में ग्रामीण पिछले पांच सौ दिनों से अनशन कर रहे है। चार दिन पहले ही पेंड्रीमार के जंगलों में अडानी के खदान के लिए जंगल को अभेद किले में तब्दील कर करीब 30 हजार विशाल वृक्षों की कटाई की गई है, इसके बाद से ही मामला गरमाया हुआ है।
डेढ़ सौ गाड़ियों के काफिले के साथ पहुंचे
पूर्व उपमुख्यमंत्री टीएस सिंह देव के हसदेव अरण्य के समर्थन में आंदोलनकारियों से मिलने जाने की खबर पर कांग्रेस पदाधिकारी, कार्यकर्ता डेढ़ सौ से ज्यादा गाड़ियों के काफिले में धरनास्थल पर पहुंचे थे। प्रशासन के अधिकारी भीड़ देख हक्का बक्का थे। आनन-फानन में वरिष्ठ अधिकारियों के निर्देश पर पुलिस बल तैनात किया गया। धरनास्थल के आसपास 200 से ज्यादा हथियारबंद जवान, पुलिस तथा जिला प्रशासन के अधिकारी मौजूद थे। ग्रामीणों ने जब उन्हें लक्ष्य कर नारेबाजी शुरू की, तो कुछ क्षणों के लिए माहौल गरमा गया। पूर्व उपमुख्यमंत्री ने ग्रामीणों को शांत करते हुए कहा उग्र होने से आंदोलन कमजोर पड़ेगा। शासन और प्रशासन के पास बहुत ताकत है, उनसे हम लड़ सकते हैं, लेकिन हमारी हार सुनिश्चित है। उन्होंने ग्रामीणों को एकजुट रहने की नसीहत दी और भरोसा दिलाया जब तक गांव के लोग एकजुट रहेंगे कोई एक इंच जमीन कोई नहीं ले सकेगा।

