राजनीतिक दलों को भूमि आवंटन मोदी सरकार की नीति
बिलासपुर । आज हाई कोर्ट में कांग्रेस पार्टी की तरफ से उस जनहित याचिका पर जवाब दाखिल किया गया जिसमे बिलासपुर में जिला कांग्रेस पार्टी को पुराने बस स्टैंड की 35453 वर्गफीट जमीन आवंटित को चुमौती दी गई है। कांग्रेस पार्टी की और से दाखिल जवाब में सभी आरोपों का सिलसिलेवार जवाब दिया गया है और याचिका को तथ्यहीन बताते हुए आवंटन को पूरी तरह नियमो के अनुरूप बताया गया है।
अपने जवाब में प्रदेश कांग्रेस समिति ने कहा है कि हॉस्पिटल की जमीन पर कांग्रेस भवन नहीं बन रहा है बल्कि आवंटित जमीन पर हॉस्पिटल पहले ही बन चुका है और संचालित है। याचिकाकर्ता ने कोर्ट के सामने यह बात नहीं बताई है कि भूमि आवंटन राज्य की कैबिनेट के निर्णय से हुआ है और नियमो के तहत ऐसे मामले में कैबिनेट को निर्णय लेने का पूरा अधिकार है। पुराने बस स्टैंड के पास 3 एकड़ जमीन उपलब्ध थी , जिसमें से एक एकड़ से भी कम कांग्रेस पार्टी को आवंटित हुई है। इस जमीन में से हॉस्पिटल के लिए जमीन पहले ही दी जा चुकी है। जवाब में यह भी कहा गया है कि भाजपा को भी रायपुर मेंबर एक से अधिक प्लाट पार्टी कार्यालय के लिए दिए गए है। मोदी सरकार की नीति है कि राजनैतिक पार्टियों को सस्ते में जमीन उपलब्ध कराइई जायेगी।
आज हुई सुनवाई में हाई कोर्ट की खंडपीठ चीफ जस्टिस अरूप कुमार गोस्वामी एवं जस्टिस अरविन्द सिंह चंदेल के सामने कांग्रेस के अधिवक्ता सुदीप श्रीवास्तव, सिद्धार्थ शुक्ल और मानस बाजपाई ने तर्क दिया कि राजनैतिक पार्टियों की तुलना अन्य किसी संस्था या संगठन से नहीं की जा सकती क्योकि यह लोकतंत्र के लिए आवश्यक है और इन्हे वोट डालने वाले सारे लोगों और समर्थकों की और से अपनी गतिविधियां चलाते हैं। इसके उचित क्रियान्वयन के लिए इन्हे कार्यालय भवन की आवश्यकता होती है जो कि समय के साथ बढती है । इसके लिए दूसरा प्लाट दिया जाना उचित है। गौरतलब है की तिलक नगर वाला प्लाट केवल 4900 वर्गफीट का है।
आज हुई सुनवाई में याचिकाकर्ता को जवाब का प्रत्युत्तर देने हेतु 3 सप्ताह का समय दिया गया है और नगर निगम बिलासपुर को भी एक सप्ताह में जवाब देने के निर्देश दिए गए हैं। राज्य सरकार की और से एएजी राघवेंद्र प्रधान पहले ही जवाब दाखिल कर चुके है। अगली सुनवाई 16 फरवरी को नियत की गई है।

